Book Title: Subhashit Ratna Bhandagaram
Author(s): Narayanram Acharya
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 426
________________ सस्थाननिर्देशमनुक्रमकोश: आधोरणाशभया आधोरणानां (रघु. ७.४६) आध्मातोद्धू (शा.प.३८५३) ३३९।१२४ | आबद्ध कृत्रिमस (भल्लट. ६६) आननं मृगशावा (रसगंगाधर ) २६२।१६७ | आबध्नन्प (शा.प. ३३०९) आननानि हरिणी ३००।३३ | आबाल्यं पतिरेष आननैर्विचक (शिशु. १०.३६) ३१५/३९ | आबाहूगतमण्डलाम (सु.७४) आनन्तरमिव बहि ३१।२६ आभाति बालिकेयं पा आनन्द कचिदञ्च ३५८/५६ आभाति शोभातिश ३२७/२० २५९/७६ ९२७८ आपेदिरेऽम्बरपथं (रसगंगाधर ) २१९/६ आयाते श्रुतिगो (सु. १०५२) ३२९/१५ १२८|३०|आपो विमुक्ताः क २१२।२८ |आयातो दयितस्त (सु.२०७७) ३०४/५ २३०/२५ आयातो भवतः (सु. २४१५) २०८३६ २६१।१३६ आयान्त्या दिवस १२०।१५० आयामिनोस्तदक्ष्णो २६।२०६ आयासशतलब्धस्य ( भर्तृ.सं.४००) ६९।१३ ३१७१२ | आयुः कर्म च (पंच. २.८५) १६२।४२८ २५७/१७ | आयुः कल्लोल (भर्तृ. ३.३७) ३७३।१८८ आयुर्दानमहोत्स (कुव० १६८) ११४।१२ आयुर्वर्षशतं (भर्तृ. ३.५० ) ३७३|१८० आयुर्वायुव्य (सूक्ति. १०७.२४) ३६९।६२ आयुर्वित्तं गृह (हि. १.१२३) १५७/१९७ आयुर्वेदकृता (चा. नी. १०३ ) १४२/२० | आयुस्ते नरवीर आनन्द कुमुदादीना आनन्दमात्र मकर आनन्दमादधत १०९।२२५ आनन्दमृगदावाग्निः (रसगंगाधर ) ८७/६ आनन्दयति कोऽत्य आयूरेखां च २६४/२४३ आनन्दश्वथिताः समा आनन्दतिरात्मनो आनन्देन (सु. ३९ ) आनम्राः स्तबकभरे आनीलां करपल्लवै २९९|३ | आभुमाङ्गुलि (शा. प. ३२९१) २५८।३५ आनन्दम (का.प्र.१०.५४०) २७८/२३ | आभ्यां कुचा (नैषध. ७.७८) २६५।२७९ आनन्दमन्थरपुरंद (कुव. १७१) ११।१७ आमन्त्रणजय (शा.प.४०४८) ३६४।२९ २३।१२५ | आमरणादपि (शा. प. ८८२) २२८/२०७ २२।१२५ | आमरणान्ताः प्रण (हि. १. १८० ) ४६।४५ आमीलन्नवनील २७०।४३० १९८५ आमीलिताल (सा.द. १०.९५ ) ३१९।२९ ५/५७ | आमूलं कचिदुद्धृता १४२।११ | आरब्धे दयि (शा.प. ३३२५) २६३।२०३ ९०।१४ | आमूलाग्रनिबद्ध २४२।१६२ | आरभन्तेऽल्पमेवा ( शिशु. २.७९) ४५/२० २५।१८५ आमूलान्ता ( शिशु . १८.२१) १२९/६६ आरभ्यते न ( भर्तृ. सं. २७७) ५०।२०३ २२३।७६ | आमृशद्भिरभि (शिशु. १०.२९) ३१७/२० आरम्भगुर्वी (भर्तृ. २.४०) १७२।८२६ ३०२।११२ | आमोदीनि (शा.प. १०५०) २४२।१७५ आरात्कारीषव (सु. २४१७) ३४८।२२ आनेतुं न गता ३५९।१०२ | आमोदैर्मरुतो मृगः (सु. ८२३) २३६।२६ आराध्य भूपति (सु. ३२५८) ३७४।१९८ आपत्समुद्धरणधी आमोदैस्ते दिशि (शा.प. ९९८) २३७/५२ आराध्यमा (हि. २.१५८) ६०।१२७ आपत्सु मित्रं (हि. १.७२ ) १६३।४४५ |आम्नायानामा (काव्या. ३.८४) २०६।१४ आरामाधिपति २१४।८१ आपत्स्वेव हि मह (शा.प. २१४) ४७१८६ | आम्र यद्यपि गता २३९।१०४ आरामाभरणस्य (शा.प. १००१) २१३।६१ आपदर्थे धनं र (हि.१.४२) १६१।३४८ आम्रे पल्लविते स्थित्वा • ३३१६ | आरामोऽयमन (शा.प. ९३०) २३२।८७ आपदर्थे धनं (भा. १.६१६९) १६७१६४२ | आयताप्रसितर ३०४।१४५ | आरुह्य शैलशि आपदां कथि (चा. नी. ७४) १६२।४०५ आयताङ्गुलिर (शिशु. १०.६५) ३१७/२६ आपदामापतन्ती (हि.१.३० ) १६७१६२९ | आयस्य तुर्य (शा.प. रा. ११५) ३८३ । २५५ आपदि मित्रपरी १७०।७५५ || आयत्यां (का. नी. ५.६) ३८३।२५७ आपदि येनोप (पंच.१.३६६) १७१।७७९ आयस्ता कलहं ( अमरु. १०६) ३५८/५८ आपनतः खलु महा (रसगंगाधर ) ५०।१९१ आयत्यां गु (म.७.१७९) ३८३।२५६ आपगतं हससि किं ६५।१७ आयाच्चतुर्थ (शा . प . १३९२) १४६ । १६५ आपद्युन्मा (का. नी. ५.२८) १६४।४८४ आयातः कुमुदेश्वरो आपन्नाशाय (पंच.२.१८१) १६४।५३७ आयातस्ते समीपं आपरितोषाद्वि (अ.शा.१.२) १७०।७४६ आयाताः सखि ७८/१३ ३१२।२३ आरूढः पति (शिशु. ८.५४) ३३९।१११ आरूढक्षितिपाल आरूढो मलया १२७/२१ ३३३।९८ आरोग्यं वि (शा. प. ३१७) १७० / ७५७ आरोग्यमानृ (भा. ५.१०५५) १७२।८२४ आरोपिता शिलाया ३६८१८ ३०८।१६ | आरोप्यते शिला (हि. २.४७) १६३।४७५ ११३।६ | आरोहतु गिरिशि | ९१९४४ १५७/१६८ १०११७ आलक्ष्यदन्तमुकु (अ.शा. ७.१७) ८९।१३ आलपति पिकव २७०।११ २२ आलम्बे जगदालम्बे आलम्ब्याङ्गणवा ( अमरु. ७८) २९० । ९१ २५४।४८ । आलस्त्रं स्त्रीसेवा (हि. २. ५) १७१।७९४ आपस्कारालनगात्र आपाटलैः प्रथमम आपाण्डु पीनकठि आपाण्डुरा शिर आपातालगभीरे ३४० | ११ | आर्ता देवान्नम ३३०१२ | आर्तानामिह जन्तू १३०।८२ | आयाता जलदावली ३२३।१६ आयाता मधुयामि (शृंगारति. २) २८५ । ३७ १८५/१० आयाता मधुरजनी ३३१।१२ ३६५/४५ || आयातासि वि (शा.प. ३७७९) ३५३।४७ २३१।६५ | आयाति याति पुनरे (शृंगार. ४) २९६/७ आयाति श्रियमक्ष आयाते च ति ११. आपुङ्खाग्रममी (हनु. ५.२३) २८२।१४० आ पुष्पप्रसवा (शा.प. १०२८) २४१।१३९ आपूरितमिदं श्याम २९७३ . १८० १०५१ | आलस्यं स्थिर (सूक्ति. ११५.१४) ६३।३६ आयाते दयिते मनो (अमरु. ७७ ) ३१९।३८ आलस्यं हि मनु (भर्तृ. २.७४) ८३११५ आपूर्येत पुनः स्फु (सु.७११) २१९/१५ | आयाते दयिते (दशरूप. ४.१३) ३०५।१ | आलस्योंपहता (चा.नी. ५.७) १५७/१७७

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