Book Title: Subhashit Ratna Bhandagaram
Author(s): Narayanram Acharya
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 425
________________ सुभाषितरत्नभाण्डागारस्थपद्यानां आः पात्री स्याम २८०१८ | आगच्छदुत्सवो (इ.श.८५) १६९/७१० | आत्माधीनशरीराणां (शा.प.३१५) ७५/७ आः सर्वतः २४८१९३ आगच्छन्सूचितो (शा.प.३५२७)३०४।२ आत्मानमम्भो (चातका.५) २२५/१५७ आकण्ठदृष्ठशिरसा(सूक्ति.१०४.६.१४०१६ आगच्छागच्छ सज १३३४१ आत्मानं प्रथ (का.नी.१.२३) १४५।११८ आकर्णपलितः (शा.प.३९८६) ३६०१९ आगतं (का.नी.१०.३१) ३८४।२९२ आत्मार्थ जीवलोके आकर्णय सरोजा (कुव.१५) ३१२।१३ | आगताः पाण्डवाः (शा.प.५३४) १९३११ आकर्णितानि रसि आत्मैव तात (नैषध.७.६५) २६१।१३० आगतानगणि (शिशु.१०.२०) ३१५।२३ ३४३।१०१ आकये गर्जि (शा.प.सा.६०)२३५।१५४ | आगत्य प्रणिपात (सु.२०८३) ३११११७ | आत्मोदयः प (शिशु.२.३०) १४६।१८२ आकर्ण्य भूपाल १३५/११/ आगत्य संप्रति (का.प्र.५.१२५) ३२१७ | आदरेण यथा ३७५।२३३ आकर्ण्य स्मर (शा.प.३८६५) ३४१।६० आगमरूपविचारिण्यधि ४३१२ | आदर्शाय शशा ११६५९ आकम्रिफल २४१।१२३ | आगमिष्यन्ति ते भा (सु.२६६३) ७५।३ | आदातुं सकृदीक्षिते (कुव.४२) २७६।५४ आकर्षन्निव गां (सु.२४१९) २०७११२ | आगुञ्जगिरिकुज (उत्तर.५.६) १३१।१२० आदानपानलेपैः कश्चि २५१।२३ आकल्पं मरजिन्मुखे १५६३४ | आग्नेयास्त्रप्रवीणप्र ११६।६९ | आदानस्य प्रदा (हि.३.१५) १६१।३५४ आकस्मिकस्मित ३५९.८१ | आपूणित परम (प.. आपूर्णितं पक्ष्म (नैषध.७.२९)२५९८२ " आदाय चापम (का.प्र.९.३८३) ४१२४ भाकारः कम (शा.प.८१३) २२२।३२ | आघ्रात कमल प्रिये २७३३२ आदाय प्रतिपक्ष १०९।२२८ आकारः कारणं (दृ.श.३८)१६ ८१६८८ | आघ्रातं परिलीढ (कुव.१३५) २१७५८ | आदाय बकुलग (सा.द.१०.३) ३२५।६ आकारमात्रविज्ञान (सु.५११) ७०५ आघ्रायाघ्राय ग (सु.२४२२) २०७११६ आदाय मांसमखि (सु.९८१) ३६२।२२ आकारेण शशी (सु.२३८६) ३५३।५३ / आचक्ष्महे तव (शा.प.१०६६) २१५।६ आदाय वारि (औचित्य.२०) २१६।१७ आकारेणैव चतुरा १५८।२३३ / आचरति दुर्ज (सा.द.७.२७) ५८११६५ आदायादाय मु . ११८११०२ आकारैरिङ्गि (हि.२.५०) १४७१२२६ | आचान्तकान्तिरु १६८१६६६ | आदायामृतपूर्ण ३०२।१११ आकाश प्रसर ११८।११३ आचुम्ब्य बिम्बाधर , ३४७५ | आदावअनपु (का.प्र.७.२००) २९१३९३ आकाशमुत्पततु (भर्तृ.सं.१९७) ९२।७३ | आच्छन्ने क्षितिज ३४२१६६ आदावेव गजेन्द्र १२११९ आकाशवापीसित (शा.३६२८)२९९।१३ | आच्छादयसि किं मुग्धे ३२८१३ | आदिकवी चतुरास्यौ ३६०४८ आकाशात्पतितं २६०।१२१ आजन्मकल्पतरु आदित्यचन्द्रा(भा.१.९८.११)१७४।८८६ आकाशे नटनं ३१४९ आजन्मब्रह्मचारी (हनु.१.३२) ३६११४८ | आदित्यस्य गताग (सु.३३२७) ३६९।८० आकिंचन्यादतिपरि ९८५ आजन्मसिद्ध कौटि ५४२१ आदित्याः किं दशैते (सु.५३) २०५९ आकुच्य पाणि (का.प्र.४.३७) ३६४१४३ | आजन्मस्थितयो(शा.प.११२२)२१९।११ | आदिमध्यनिधनेषु (सु.२५७) ४९।१५९ आकुलश्चलपत (किरात.९.८) २९४।२७ आजन्मानुगतेऽप्य ६४१६ | आदिमध्यान्तरहितं १४।२ आकृष्ट कवचाद १ २०११४३ | आजी त्वद्वाजिरा १२६।२७ | आदीर्पण (भर्तृ.१.८६) ३८४।२८० आकृष्टे युधि (हनु.१४.३५) १२१११५९ आज्ञा कीर्तिः (भर्तृ.२.४०) १५२।३९४ | ४।२६ आक्रम्याजेरग्रिमस्क १२९६६० आज्ञाभङ्गकरा (हि.२.१०७) १४७१२०६ आता नख (किरात.९.४९) ३१६।१३ आक्रम्यैकाग्र (शिशु.१८.५१) १३०८४ | आज्ञाभङ्गो नरे (हि.२.६०) १५८।२४९ | आदृष्टिप्रसरात्प्रिय (अमरु.७६) ३५९४८६ आक्रान्तपूर्वा रभ १२९५० आज्ञामात्रफ (विक्रम.१३३) १५७११९६ | आदी गृहीतपाणिः १८६१८ भाक्रान्त मरणे (भर्त.३.३३) ३७३।१८३ | आतन्वद्भि (शिशु.१८.७४) १३०१०३ | आदी धर्मे प्रमाणं विवि ४३१५ आक्रान्तासु बसुंध ९९।१९ आतपे धृतिमता (किरात.९.३०) २९६३ | आदौ न वा (पंच.१.२७६) १७६।९५० आकान्ते शैश २६७३३२३ | आताम्रतामपनया (रत्ना.३.१४)३०६।२४ | आदी (पंच.१.१७७) ३८४।२८१ भाक्रोशितोऽपि सु ५०।२०५ आताम्राभा (शिशु.१८.४२) १३०१७९ आदौ प्रेमकषायिता १२।२७ भाक्षिपन्त्यर (सा.द.६.१७५) ३१२।१९ आताझे नयने स्फुर २३।१४३ | आदी लज्जयति कृतं (सु.३९१) ५८।१६८ आक्षिपसि कर्णम ३१२।२५ आत्ते सीम (का.प्र.१०.५७०) १३३१४३ आदा वेश्या पुनर्दा ३६४।१० भाक्षेपवचनं तस्म १४२।१३ आखुः कैलासशैलं (सु.२५७२) ६२।२८३ आत्मभाग्य (मृच्छ. ३.२७) ३८५।३३० | आदौ हालाहलहुत (कुव.९२) २८४।२८ आद्यः कोपस्तदनु २८९४५३ आख्यातनामरच. आत्मनश्च परेषां (हि.३.८) १४७।२२३ ३११३४ आयेन हीना जल १८५३३६ आख्याते हसितं पिता १६१० आत्मनो मुखदोषेण (पंच.४.४८) ८६।१ आधाय कोमलक २७३।१२ आख्यायिकानु (शा.प.४०३६)३६४१२२ आत्मन्यस्य (नैषध.१२.८३) ११०।२४४ आधाराय धरा (सु.५३७) ७१।४१ आगच्छतामपूर्णा २१९४१ / आत्मबुद्धिः सुखा १५५।९४ आधिव्याधिश (भर्त.३.३४) २८७११८४

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