Book Title: Sramana 2015 01 Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 7
________________ Our Contributors १. साध्वी प्रशंसाश्री 'मोक्षा' शिष्या, गुरुणी प्रवर्तिनी केशरदेवीजी महाराज, श्रमणसंघ २. डॉ० राहुल कुमार सिंह रिसर्च-एसोसिएट, पार्श्वनाथ विद्यापीठ ३. डॉ० पवन कुमार जैन शोध-अध्येता, श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ जोधपुर, राजस्थान ४. प्रो० मारुति नन्दन प्रसाद तिवारी प्रोफेसर इमरीटस, कला इतिहास विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय डॉ. शान्तिस्वरूप सिन्हा असिस्टेण्ट प्रोफेसर, दृश्यकला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ५. श्रीमती सुलेखा मोगरा शोधछात्रा, जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग, मो. सु. वि.वि. उदयपुर ६. Dr. Samani Shashi Prajna Asst. Professor, Dept. of Jainology, Jain Vishva Bharati, Ladnun 7. H. Kushal Chand Dept. of Jainology, University of Madras, ChennaiPage Navigation
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