Book Title: Sramana 2015 01
Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 40
________________ 'विशेषावश्यकभाष्य' में ज्ञान के सम्बन्ध में 'जाणइ' एवं 'पासइ' ... : 33 आगम का मत : प्रज्ञापनासूत्र पद ३० में पश्यत्ता का वर्णन है। वहाँ पश्यत्ता का अर्थ किया है देखने का भाव। उपयोग के समान पश्यत्ता के भी दो भेद होते हैं- साकार और अनाकार। दोनों में अन्तर बताते हुए आचार्य अभयदेवसूरि कहते हैं कि यों तो पश्यत्ता एक उपयोग विशेष ही है, किन्तु उपयोग और पश्यत्ता में थोड़ा सा अन्तर है। जिस बोध (ज्ञान) में त्रैकालिक (दीर्घकालिक) अवबोध हो वह पश्यत्ता है तथा जिस बोध (ज्ञान) में वर्तमान कालिक बोध हो, वह उपयोग है। इस प्रकार उपयोग और पश्यत्ता में अन्तर होने से पश्यत्ता को उपयोग से अलग बताया गया है। साकार पश्यत्ता के छह भेद हैं- श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मन:पर्यवज्ञान, केवलज्ञान, श्रुत अज्ञान और विभंग ज्ञान। अनाकार पश्यत्ता के तीन भेद हैं- चक्षुदर्शन, अवधिदर्शन और केवलदर्शन। साकार पश्यत्ता के भेदों में मतिज्ञान और मति अज्ञान, इन दोनों को नहीं लिया है, क्योंकि आभिनिबोधिक ज्ञान उसे कहते हैं जो अवग्रहादि रूप हो, इन्द्रिय तथा मन के निमित्त से उत्पन्न हो तथा वर्तमान कालिक वस्तु का ग्राहक हो। इस दृष्टि से मतिज्ञान और मत्यज्ञान दोनों में साकार पश्यत्ता नहीं है जबकि श्रुतज्ञान आदि ज्ञान-अज्ञान अतीत और अनागत विषय के ग्राहक होने से साकार पश्यत्ता शब्द के वाच्य होते हैं। श्रुतज्ञान त्रिकाल विषयक होता है। अवधिज्ञान भी असंख्यात अतीत और अनागत कालिक उत्सर्पिणियों-अवसर्पिणियों को जानने के कारण त्रिकाल विषयक है। मनःपर्यवज्ञान भी पल्योपम के असंख्यात भाग प्रमाण अतीत अनागत काल का परिच्छेदक होने से त्रिकाल विषयक है। केवलज्ञान की त्रिकालविषयता तो प्रसिद्ध ही है। श्रुत अज्ञान और विभंगज्ञान भी त्रिकाल विषयक होते हैं, क्योंकि ये दोनों यथायोग्य अतीत और अनागत भावों के परिच्छेदक होते हैं। अनाकार पश्यत्ता में अचक्षुदर्शन का समावेश इसलिए नहीं किया गया है कि पश्यत्ता एक प्रकार का प्रकृष्ट ईक्षण (देखना) है, जो चक्षुरिन्द्रिय से ही संभव है, अन्य दूसरी इन्द्रियों से नहीं। क्योंकि अन्य इन्द्रियों की अपेक्षा चक्षुरिन्द्रिय का उपयोग अल्पकालिक और द्रुततर होता है, यही पश्यत्ता की प्रकृष्टता में कारण है, अत: अनाकार पश्यत्ता का लक्षण है

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