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श्रावकाचार-संग्रह
प्रस्तुत भाग सम्पादनमें ग्रन्थ- मालाके प्रधान सम्पादक श्रीमान् पं० कैलाशचन्द्रजी सिद्धान्ताचार्य, वाराणसीका भरपूर परामर्श- सहयोग रहा है । श्री पं० महादेवजी व्याकरणाचार्यने पूर्ववत् ही प्रूफ-संशोधन किया है और वर्धमान मुद्रणालय में इसका मुद्रण हुआ है, इसलिए मैं सबका आभारी हूँ ।
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अन्तमें संस्थाके मानद मंत्री श्रीमान् सेठ बालचन्द्र देवचन्द्र शहाका किन शब्दों में आभार व्यक्त करू जो कि इस जीवराज ग्रन्थमालाके सिवाय अन्य अनेक संस्थाओं का संचालन ८४ वर्ष की अवस्था में भी नौजवानोंके समान स्फूर्तिके साथ कर रहे हैं। उनके प्रोत्साहन -भरे पत्रोंसे मुझे सदा ही प्रेरणा मिलती रहती है ।
- हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री
ऐ० पन्नालाल दि. जैन सरस्वती भवन, ब्यावर २५ । ७ । ७७
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