Book Title: Sanskrit Prachin Stavan Sandoh
Author(s): Vishalvijay
Publisher: Vijaydharmsuri Jain Granthmala

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Page 12
________________ आबू आबू एटले जगविख्यात पहाड. आबूनी न्हानामां न्हानी, अने मोटामां म्होटी दर्शनीय वस्तुओ, रस्ताओ अने एक दर्शकने उपयोगी थइ पडे, एवी तमाम वस्तुओनी माहिती आपनारुं तेमज आबूनां मंदिरोनी झीणामां झीणी कोरणीओ अने सुदर सुंदर भावो दृश्योना लगभग ७५ फोटाओथी अलंकृत आपुस्तक, जेम'आबू' ना यात्रीओने उपयोगी छे, तेम भारतवर्षनी प्राचीन शिल्पकला अने ऐतिहासिक शोधखोळना अभ्यासीओ माटे पण घणु ज महत्त्वनुं छे. एना लेखक छे इतिहासतत्त्ववेत्ता, शान्तमूर्ति मुनिराज श्री जयन्तविजयजी. म्होटो दळदार ग्रंथ, ७५ फोटा, पाकुं बाइन्डोंग अने उत्तम जेकेट होवा छतां मूल्य मात्र २-८-०. हिंदी आवृत्ति पण ते ज प्रमाणेनी अने ते ज किंमतनी. लखोः-- मंत्री श्री विजयधर्मसूरि जैन ग्रंथमाला छोटा सराफा, उज्जैन, (मालवा )

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