Book Title: Sanskrit Prachin Stavan Sandoh
Author(s): Vishalvijay
Publisher: Vijaydharmsuri Jain Granthmala

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Page 52
________________ م م ه ه ه ل ع م ع * शुद्धिपत्रकम् अशुद्धं सुकती सुकृती कल्पद्र कल्पद्रु स्था द् स्थाद् स्वदशा स्वदृशा प्राक्कम प्राकर्म अकृत्रिमाम अकृत्रिमाम् श्रष्ठ श्रेष्ठ विश्वा- विश्वो -यषां -येषां जनादन जनार्दन -विशेषण ___-विशेषण सुख नापवग नापवर्ग सव सर्व कम-कम -कर्म दहा दहो मोत्का मोत्को वर्ण-वत्त्वा-त् वर्णवत्त्वात् लायानि श्लाघ्यानि इदृशे ईदृशे वभवात् वैभवात् -स्ततनम् -स्तवनम् सुखं १२ कर्म

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