________________ अर्बुद प्राचीन जैन लेख संदोह 'आबू' नो आ बीजो भाग देलवाडाना अने अचलगढनां मंदिरोमांना न्हानां मोटा लगभग छसो सातसो जेटला शिलालेखो, तेनां अनुवाद, टिप्पण अने विवेचन साथे बहार पाडवामां आव्या छे. ऐतिहासिक सामग्रीथी भरपुर, मोटो दळरार आ ग्रन्थ छे. एनां लेखक अने संपादक मुनिराज श्री जयन्तविजयजी छे. किंमत 3-0-0 मुनिराजोने व्याख्यानमां वांचवा लायक पत्राकारना बे ग्रंथो 1 पर्व कथा संग्रह, 2 द्वादश व्रत कथा संग्रह .. आ बन्ने ग्रन्थो ऊंचा 60 रतली लेजर पेपर उपर छपाववामां आव्या छे. पत्राकारे छे. संस्कृतनुं साधारण झान धरावनार पण व्याख्यानमां वांचीने श्रोताओने आनंद आपी शके छे, कारण के कथाओ अत्यन्त सरस छे, तेम भाषा पण सरल छे. स्वर्गस्थ विद्वान् मुनि श्री हिमांशुविजयजीए आनुं सम्पादन कर्यु के. बन्नेनी मळीने किंमत बार आना छे.