________________
सुभाषित-पद्य-रत्नाकर-भाग पांचमो ... तीथकरो संबंधी अनेक प्रकारनी माहिती, तथा मन्दिरमा प्रभु आगल बोलवा लायक स्तुति श्लोको तथा वेसठ शलाका पुरुषोनी अनेकविध बाबतोना कोठा, श्लोकानुक्रमणिका, प्रस्तावना वगेरेथी सर्वाङ्गसुन्दर प्रत्येक श्लोकना अनुवाद साथे आ ग्रन्थ मुनिराज श्री विशालविजयजी महाराजे तैयार कयों छे. ऊंचा ग्लेझ कागळो, लगभग बसो पृष्ट अने सुंदर गेट-अप साथे बहार पड्यो छे. प्रत्येक जैनोने आ पुस्तक उपयोगी थाय तेवू छे.. .
किंमत ०-१०-० हेमचंद्र-वचनामृत आ ग्रन्थ, हेमचन्द्रसूरिए रचेला 'त्रिषष्टि-शलाकापुरुष-चरित्र'ना दश पवमांनां अनेक विषयोनां सुन्दर सूक्तो-कहेवतोनो तारवणो रूप छे. विनोद प्रसंगे के स्वाध्यायमां आवां सूक्तो आनंदजनक बंने छे. इतिहास शांतमूर्ति मुनिराज श्री जयन्तविजयजीर संग्रहीने तेनो गूजराती अनुवाद, विषयवार अनुक्रमणिका, सुन्दर गेट-अप साथे प्रकाशित कराव्यो छे. प्रत्येक मनुष्यने संग्रहवा योग्य आ पुस्तक छे..
श्री विजयधर्मसूरि जैन ग्रन्थमाळा
छोटा सराफा, उज्जैन (मालवा)
अन्ध, हेमचन्द्रमामांना अनेक विमोद प्रसासन