Book Title: Sanmatitarka Prakaranam Part 2
Author(s): Sukhlal Sanghavi, Bechardas Doshi
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad

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Page 369
________________ सन्मतिमूलगाथागताः शब्दाः। शब्द काण्ड गाथा व्या. पृ. काण्ड गाथा ३ ११ व्या. पृ. ६३५ १७३ ६१० ' शब्द पत्थार पन्नवणा مم १ ४२ °पज्जुवासण पंचणाणी पडइ २७१ ४४९ ३१५ °पयडी م °पयुत्तो م पर ६३०,७२६ ७२५ २ ३ १८,३१, ६१६,६२१, ५,२२,३३,४७, ६३७,६४१, ६२१ पडिकुट्ठा पडिकुट्ठो पडिजोअणं 'पडिणीओ 'पडिपुण्ण पडिपुण्णं पडिपुण्णजोधणगुणो °पडिपुण्णा °पडिबद्धा पडिरूवे 'पडिवत्ति سم له سم سم ४१६ ६३० مم مم س २१,२४ ४२१ ६३८ س س س ३६,४६,६१ ७४६,७२२ ४२९ س पडिवत्ती पडिवत्तीविगमे पडि सिद्ध पडिसेहे ६४४ س ३० ६४० م ord ormmmom or or or or or or ormmmm orm marr mmm ormmonorram narar ५०,५४ २,३५, ४५३,४५६, ५९६,६२३, م ५४ س ६३५ س ६२८,६२९, ४४९ पडुच्चवयणं पणिहाणं पण्णत्तं पण्णवओ ३ ४३ १४ س परणिमित्तं परतित्थियवत्तव्वं परपच्चओ परपनवेहि °परमत्थ परमत्थो परमाणु परम्मि परवत्तव्वयपक्खाअविसिट्ठा परवियालणे परसमय परसमया परिकम्मणा परिकम्मणाणिमित्तं परिगमणं परिगयं परिच्छय परिच्छयाणं परिणयं परिणाम परिणाम परिणामकओ परिणामो परितं परिपढिया परिभुजइ परिसुद्ध परिसुद्धो पख्वणः परो पसारियस्स पसाहणं °पसाहा °पहे س ७२६ س ६५१ ३ १ ३ १ س ७२७ °पण्णवण पण्णवणपजा ०पण्णवणा س ४,२२ २७ १ २७ १३,२१ १४ २० ४२२,४२३ س २६,५३, س २१० ७३२ ७३२ س २ س पण्णवणाणिच्छिओ पण्णवणाविसउ पण्णवणिजा س س ६१५ ४५,४८ س ६५५,६५६ ३१५,३७९ ७१९,७२६ س ६४५ س ६४४ पण्णवणे पण्णवयंतो पण्णवेज पत्तेय पत्तेयं पत्थणा م م ४१५,४१६ १ १३,१५ २०४६ ३ १५९

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