Book Title: Sanmatitarka Prakaranam Part 2
Author(s): Sukhlal Sanghavi, Bechardas Doshi
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad
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सन्मतिटीकागता दार्शनिकाः पारिभाषिकाच शब्दाः। आध्यात्मिक-रूप ३७७
ईश्वर-निमित्तकारण ११९ 1 उत्पादव्ययध्रौव्यात्मकोपयोग ६१६ आध्यात्मिकशुक्लध्यान ७३५
ईश्वरपरिकल्पनावैयर्यप्रसक्ति ४७६ | उत्पादव्ययस्थिति ६४५ आनन्दरूपात्मखरूप १६० ईश्वरप्रेरित ४७६
उत्पाद-स्थिति-भङ्ग ४१०,४१५ आभिनिबोधिकज्ञान ६२१ ईश्वरबुद्धि १२७
उदयव्ययवती-अर्थमात्रा ३८१ आयुष्ककर्मन् ६१२ ईश्वरसाधक ११७
उदयवतीस्मृति ३४३ आर्तध्यान ७३४ ईश्वरसाधक-प्रमाणाभाव १३३
उपप्लव ५११ (१०) आर्तध्यानोपगत ७४८ ईश्वरसिद्धि ९५,१०५,१२९
उपयोग ४५७ आर्यसत्य ७३३ ईश्वराख्य-कारण १२७
उपयोग-अनाकारता-साकारता ४५८ आर्यसत्यचतुष्टय ४९९ ईश्वराख्य-सर्वज्ञ १३३
उपमान ५७५ (६), ५७६,५७८, आर्ष ७३१
ईश्वरादि ४७९ आलम्बन ५१२ (२) ईश्वरादिप्रेरणा ७१६
उपमानपूर्विका-अर्थापत्ति ५७९ आवरण ३०० ईश्वरादिविकल्प ५००
उपमानलक्षण ५७७ आवरणविनाश ४२३ ईश्वराद्यनुमान ४८६
उपलब्धि २९१,२९३,३६२, आवरणापगम ६७८ ईश्वरानेकत्व प्रसङ्ग १००
उपलब्धिलक्षणप्राप्तखभाव ३२५ आवारक ३५,३८,५१ ईश्वरावगम ९३
उपलब्ध्याख्य ३
उपलम्मे २८७ आवारकख ५१,६०,१६१
ईश्वरावगम-प्रमाणाभाव १२४ आवृति १५३ ईश्वरोपदेष्तृत्व १३२
उपशमकक्षपकगुणस्थानभूमि ७३५
उपशमनवाञ्छा ६११ आस्रव ७३२ (३),७३३,७३६,७३७ | ईहा ५५२,५५३ (४) आस्रवादि-प्रतिपत्ति ७३७ ईहादिक ६२१
उपादानकारण ८८ आहारविरह ६१४
उपादानग्रहण २८२ (१५) आहारव्यवस्थिति ६१३
उपादानल ८८,८९ उन्क्षेपण ६८५ (१), ६८६ (२)
उपादान-सहकारिवलक्षणशक्ति ४०१ उत्तमसंहनन ७५३
उपादानादि १०१ इच्छातः ७४१ उत्तरपर्यायोत्पादात्मक-पूर्वपर्यायांवनाश
उपादानाद्यधिष्ठान ९६ इतरेतराभाव ५८१
४२६
उपाधि-तद्वत् २६४ इतरेतराश्रय २,५.३१,३२,४४,४६, उत्पत्ति ४८१
उपाधिविशिष्ट-उपाधिमत् २६५ ५०,५२,५४,७०,११८,१२३, उत्पत्तिविनाशस्थितिस्वभाव ६४४
उपाय विचय ७३४ १२९,१४१,१६४,७३३ उत्पत्तिसत्तासम्बन्ध ६४८
उभय १७९ इदानीन्तनयति ७५० उत्पत्ति-स्थिति-निरोध ४५१
उभयवाक्यप्ररूपक-नयाभाव ४१६ इन्द्रियज्ञान ४९९ उत्पत्तिस्थितिप्रलयात्मक-विचित्र-क्रीडो
उभयात्मकवस्तु ४१६,४१७ इन्द्रियवृत्ति १२२
पाय ७१६ इन्द्रियव्यापार ५३९
उत्पत्तौ परतःप्रामाण्य ११ इन्द्रियार्थसन्निकर्ष ५२३
ऊर्ध्वगतिपरिणामखाभाव्य ७३६ उत्पत्तो खतःप्रामाण्य ९ इहजन्ममरणचित्त ८९
ऊह ५९४ (४) उत्पत्त्यभिव्यक्तिपक्ष ३६ इहबुद्धयावसेयसमवाय १५६
ऊहाख्यप्रमाण ७७,३९७ उत्पन्नप्रतीतिप्रामाण्य ७६ उत्पन्नादिकालत्रय ६४५ (३)
ऋ ईर्यासमित्यादि ७५५ उत्पाद ६०८,६४१,६४९
ऋजुसूत्र २८५,३१०,३११,३१२,३१४, ईश्वर ३१,६९,९५,९६,९९,१२२, उत्पादविगमध्रौव्य ६२३
३६६,३७८ १२५,१२६,१२७,१२८,१३१, उत्पाद-विनाश ६२३
ऋजुसूत्रनय ४०७,४३०,४४०,४४८ १३२,४७६,५०६,७१५,७१६,
उत्पाद विनाश स्थित्यान्मकल ६४२ ऋजुमूत्रवचन विच्छेद ३४९
उत्पाद विनाशस्थित्यात्मकभाव ६५० ईश्वरकल्पनावैयर्थ्य १२९
उत्पाद-विनाशखभावभाव ४०९ एक आत्मन् ४५३ ईश्वरज्ञान १२५,४७९
उत्पादव्ययध्रौव्य ३२३,३६७,४१२, एककार्यकारिख २५५ ईश्वरज्ञानलासिद्धि ४७९ (१)
४२८,४२९,४५१
एक-क्रिया ४५३ ईश्वरज्ञानादिहेतुक-जगत् १२६ उत्पादव्ययध्रौव्य-लक्षण ९२ | एकज्ञानिन् ६१०
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