Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 02 Khand 01 Author(s): Kamtaprasad Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 9
________________ राज अवस्था, सामाजिक दशा, महिला महिमा, पार्मिक स्थिति, मुनि व आर्यिकाओंका धर्म, श्रावकाचार आदि १३८ ७-भ० महावीरका निर्वाणकाल-वीर संवत, शुकः शालिवाहन, नहपान, विक्रम संवत् .... .... १५७ ८-अन्तिम केवली श्रीजम्बूस्वामी-बाल्यकाल, वीरता, वैराग्य, विवाह, मुनिजीवन, सर्वज्ञ दशा व धर्मप्रचार, श्वेताम्बर कथन .... .... .... १७१ ९-नन्द वंश-नवनन्द, नंदिवर्धन आदि.... .... १८. १.-सिकन्दर महानका आक्रमण और तत्कालीन जैन साधु भारतीय तत्ववेत्ता, दि० जैन साधु निम्नोसोफिस्ट, मुनि मन्दनीस और कलोनस आदि .... .... १८१ ११-श्रुतकेवली भद्रबाहु और अन्य आचार्य-जैन संघका दक्षिणमें प्रस्थान, श्वेतांबर पट्टावली, जैन संघ भेद, श्रुतज्ञानकी विक्षिप्ति, श्वे. स्थूलभद्र, आदि .... २०१ १२-मौर्य साम्राज्य-चन्द्रगुप्त मौर्य, सैल्यूकप्त, शासन प्रबंध, सामाजिक दशा, धार्मिक स्थिति, चन्द्रगुप्त जैन थे, चाणक्य, अशोक, कलिंग विजय, अशोककी शिक्षायें, अशोकके जैन धर्मानुसार पारिभाषिक शब्द और उनके दार्शनिक सिद्धांत, अशोकका जैनधर्म, प्रचार, शिलालेख व शिल्प कार्य, अंतिम जीवन, अशोकके उत्तराधिकारी, राजा साम्प्रति और जैनसंघ, सेठ सुकुमाल, मौर्य साम्राज्यका अन्त, उपरांत कालके मौर्यवंशज, शुंग वंश ... .... Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ___www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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