Book Title: Sandeh Samucchay
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Ramanlal Jaychand Shah

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाराजे करी अने तेनुं संशोधनपणानुं कार्य प० पू० गच्छाधिपति आ. श्री. माणिक्यसागरसूरिजीनी पूनीत दृष्टि नीचे थतां प्रूफो आदिमा पण तेओए सारो सहकार आप्यो छे ते माटे हुं. तेओश्रीनो ऋणी छु, तेओश्रीनी पुण्यकृपाए आ “सन्देहसमुश्चय ' नामना अन्थने आगमोद्धारकग्रन्थमालाना नवमा रत्न तरीके प्रगट करतां मने अतिहर्ष थयो छे. रमणलाल जयचंद शाह ko-ki शुद्धिपत्रकम् शुद्धम् अशुद्धम् टे० १ १६-२३ कोशिकः २ १३ मां धात दाग्न्यो ४६ . कुम्भभूः कौशिकः मांधात ० दान्यो षो० शेषी दिवस इत्यधिक २५ ४ २९ १४ ३२ २६ शेषाः दिवा इत्यधिक वहि० ४० १५ भवा. बहि० For Private And Personal Use Only

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