Book Title: Prashna Vyakaran Sutra
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahadur Lala Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Jouhari
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________________ 4 कग सीताए, दोवतीयं कए, रुप्पिणीए पउमावतीए, ताराए, कंचनाए, रत्त | सुभद्दाए, अहिल्लियाए, सुवण्णगुलियाए, किन्नरीए, सुरूव, विज्जुमतीए,.. संग्राम हुए हैं सो बताते हैं-१ सीता-जनक सना की पुत्री के लिये रामचंद्र लक्ष्मणने रावण के साथ संग्राम किया, 2 द्रौपदी-द्रुपद राजा की पुत्री के लिये कृष्णने पनोत्तर राजा के साथ संग्राम किपा, 3 रुक्मणीभीषम राजा की पुत्रो के लिये कृष्णने शिशुपाल से संग्राम किया, 4 पद्मावती-हिरण्य राजा की पुत्री के लिये कृष्णने पद्मावती के पिता से संग्राम किया 5 तारा-सुग्रीव की स्त्री के लिये साहसंगति विद्य धर के साथ संग्राम किया, 6 कंचना यह अप्रसिद्ध है 6 सुभद्रा-कृष्ण की बहिन के लिये पांडव पुष . Fअर्जुनने संग्राम किया, 8 अहल्या इस का कथन जैनेतर शास्त्रों में प्रसिद्ध है. 9 सुवर्णमुलिका यही सिंधु सोबर देश के उदायन राजाकी दासी थी. योगीने दी हुई गुटिका के प्रभावसे सुवर्ण जैसे शरीरवाली होने से उस का नाप सुवर्णगुलिका रखा था. उज्जयनी के स्वामी चंद्रप्रय तन राजाने उस का हरन किया जिस से उदायन राजाने संग्राम किया. 10 किमरी इस का कथन अप्रसिद्ध है। 1. सुरूपा मइका कथन भी अप्रसिद्ध हैं. 13 विद्युभती भी अपसिद्ध है 14 रोहिणी यह अरिष्ट पुर के 10 मरुधराजा के पुत्र हरण्य पाम की पुत्री थी, इस के स्वयंवर मंडप में वासदे। ने संग्राम किया. इन सिपाय 4.1 अनुवादक-पालब्रह्मचारी माने श्री अमोलक ऋषिनी *प्रकाशक-राजाबहादुर काला मुखदक सहायी चालाप्रसादडी*