Book Title: Parmatmaprakasha and Yogsara
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 482
________________ ३२१ -32 : १-३२] परमप्प-पयासु 22) जासु ण धारणु धेउ ण वि जासु ण जंतु ण मंतु । जासु ण मंडलु मुद्द ण वि सो मुणि देउँ अणंतु ॥ २२ ।। 23) वेयहि सत्यहि इंदियहिजो जिय मुणहु ण जाइ । णिम्मल-झाणहँ जो विसउ सो परमप्पु अणाइ ॥ २३ ॥ 24) केवल-दसण-णाणमउ केवल सुक्ख-सहाउ । केवल-चीरिउ सो मुणहि जो जि परावरु भाउ ॥ २४ ॥ 25) एयहि जुत्तउ लक्खणहिजो परु णिक्कल देउ । सो तहि णिवसइ परम-यइ जो तइलोयहँ झेउ ॥ २५ ॥ 26) जेहउ णिम्मलु णाणमउ सिद्धिहि णिवसइ देउ । तेहउ णिवसइ बंभु परु देहहँ में करि भेउ ॥ २६ ॥ 27) जे दिठे तुटंति लहु कम्मइँ पुन्व-किया। सो पर जाणहि जोइया देहि वसंतु ण काइँ ॥ २७ ॥ 28) जित्थु ण इंदिय-सुह-दुहइँ जित्थु ण मण-वावारु ।। सो अप्पा मुणि जीव तुहुँ अण्णु परि अवहारु ॥ २८ ॥ 29) देहादेहहिं जो वसइ भेयाभेय-णएण। सो अप्पा मुणि जीव तुहुँ कि अण्णे बहुएण ॥ २९ ॥ 30) जीवाजीव म एक करि लक्खण-भेएँ भेउ । जो परु सो परु भणमि मुणि अप्पा अप्पु अभेउ ॥ ३०॥ 31) अमणु अणिदिउ णाणमउ मुत्ति-विरहिउ चिमित्तु । अप्पा इंदिय-विसउ णवि लक्खणु एहु णिरुत्तु ॥ ३१ ॥ 32) भव-तणु-भोय-विरत्त-मणु जो अप्पा झाएइ । ___ तासु गुरुक्की वेल्लडी संसारिणि तुट्टेइ ॥ ३२ ॥ 22) Wanting in TKM; c देउ for देउं. 23) c वियहि, TKM वेयहि ; c alone मुणहिँ for मुणहु which is accepted by all other Mss. 24) TKM सोक्ख ( written as ख्ख ), वीरिय जो ; TKM सोजि for जो जि. 25) BC लक्खणिहिं ; c णिवसहि ; TK परमपये, M°पए; B °लोयहो, c जो तिहिं लोयह ; with AB I have correcied the old reading is to , C reads JF but is corrected as झेउ, TK छेउ (the Kannada gloss translates it as शिखरा), M has something like देउ which may stand for धेउ. 26) AB सिद्धिहि ; 7 तेह सुणिवसइ ; TKB बम्हु ; Bc म for मं. 27) AB जि दिडिं, TKM जें दिखे...लहुं ; Ac जाणहिं. 28) Wanting in TKM ; B परि for परि. 29) Wanting in TKA ; A देहादेहहि, वसई. 30) Wanting in TKM ; EC भावि for भणमि. 31) Wanting in TKM ; c मोत्तिरहिउ चिम्मेत्तु. 32) Wanting in TKM ; c वेलडी, संसारिण. पर०३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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