Book Title: Parmatmaprakasha and Yogsara
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 489
________________ ३२८ जोइंदु - वि 100) अप्पाणिय-मणि णिम्मलउ णियमे वसइ ण जासु । सत्थ-पुराणइँ तव चरणु मुक्खु वि करहिं कि तासु ॥ ९८ ॥ 101) जोइय अप्पे जाणिएण जगु जाणियउ हवेइ । अप्पहँ केरइ भावडर बिंबिउ जेण वसेइ ॥ ९९ ॥ 102) अप्प - सहावि परिद्वियहँ एहउ होइ विसेसु । Jain Education International [ 100: १-९८ 103) fies अप्प - सावि लहु लोयालोउ असेसु ॥ १०० ॥ अपु पयास अप्पु परु जिम अंबरि रवि-राउ | जोय एत्थु म भंति करि एहउ वत्थु सहाउ ॥ १०१ ॥ 104) तारायणु जलि बिंबियउ णिम्मलि दीसर जेम । rore frम्मलि बिंबियउ लोयालोउ वि तेम ॥ १०२ ॥ 105) अप्पु विरु विवियाण जे अप्पे मुणिएण । सोणिय अप्पा जाणि तुहुँ जोइय गाण-बलेण ॥ १०३ ॥ 106) णाणु पयासहि परमु महु किं अण्णे बहुए । जेण णियप्पा जाणिया सामिय एक-खणेण ॥ १०४ ॥ 107) अप्पा णाणु मुणेहि तुहुँ जो जाणइ अप्पाणु । जीव-पएसहि तित्तिडउ णाणे गयण पवाणु ॥ १०५ ॥ 108) अप्पहँ जे वि विभिण्ण वढ ते वि हवंति ण णाणु । तुहुँ तिणि विपरिहरिवि नियमिं अप्पु वियाणु ॥ १०६ ॥ 109) अप्पा णाणहँ गम्मु पर णाणु वियाणइ जेण । तिणिवि मिल्लिव जाणि तुहुँ अप्पा णाणे तेण ॥ १०७ ॥ 110) णाणिय णाणिउ णाणिएण णाणिउँ जा ण मुणेहि । ता अण्णाणि णाणमउँ किं पर बंधु लहेहि ॥ १०८ ॥ 100) B तवयरणु, TKM सत्थुपुराणे तउचरणु; TKM मोक्खु जि करइ किं तासु for the last pāda. 101) Wanting in TKM; B अप्पि for अप्पें ; c बिंबउ... वसंति. 102) Wanting in TKM ; अप्प सहावि; Brahmadēva notes on alternative reading दीसइ अप्पसहाउ लहु. 103 ) c जिम्व, TM जेव ( K जेउ ) अंबरे. 104) TKM जळे for जलि, णिम्मळे... जेव ; BC अप्पई, TKM अप्पए णिम्मळे ; A लोयालोय, TKM लोयालोय वि तेव. 105 ) TKM वियाणिजइ; B जिं अप्पि, TKM जें अप्पे ; TKM सो णिउ अप्पा मुणहि तुहुं. 106) Wanting in TKM; B किं अण्णि. 107) TKM जीवपएसहि तेत्थडउ, ABC तित्तड, Brahmadēva has an alternative reading जीवपएसहिं देहसमु; C णाणि, BC पमाणु, TKM णाणे गयणपमाणु. 108) Wanting in TKM, and no readings in others. 109 ) TKM परु, मुणहि तुहुं for जाणि etc., मेलवि. 110 ) Wanting in TKM ; c मुणेइ and लहेइ. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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