Book Title: Panchsutra Varttikam
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 10
________________ महेसाणा जैन संघ सुधाराखातांनी पेढीना कार्यकर्ताओना धर्मप्रेमनी पण सादर नों लइए छीए. प्रकाशन सम्बन्धी विविध मुश्केलीओने पोतानी अंतरंग शासनभक्ति अने धर्मानुरागथी पोताना धंधाकीय जीवनमांथी पण पू. महाराजश्रीना निर्देशानुसार दूर करी सुन्दर प्रकाशन माटे तनतोड प्रयत्न करनार शेठ श्री बाबुलाल केशवलाल (चाणस्मावाळा) (११ नगरशेठ मार्केट रतनपोळ) अमदावादना धर्मप्रेमनी खूबज हार्दिक अनु मोदना करीए छीए. आ ग्रंथनी प्रेस. कोपी करी आपनार श्री गोकुळभाई तथा पं. धीरुभाई (जैन पाठशाळा बीसनगर) तेमज सुंदर मुद्रण करनार वसंत अने दीपक प्रिन्टरीना कार्यवाहकोना श्रमनी सादर नोंध लइए छोए. आ ग्रंथनो यथायोग्य उपयोग करी पुण्यशाळी जीवो पोताना जीवनने जिनशासननी आराधनामां आगळ वधारे ए मंगल कामना साथै छद्मस्थसुलभ मुद्रणादिनी क्षतिओ बदल सकळ श्री संघ समक्ष क्षमा मांगीए छीए. कापडबजार कपडवंज (जि. खेडा) वीर. नि. सं. २४९७ वि. सं. २०२७ कार्तिक शुक्ल १३ गुरु amse 100 निवेदक : रमणलाल जेचंदभाई कार्यवाहक श्री आगमोद्धारक जैन ग्रन्थमाळा. कपडवंज

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