Book Title: Niryavalikasutram
Author(s): Chandrasuri, 
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 41
________________ पवइए अणगारे जाए जाव गुत्तबंभयारी । तते णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमादियाई एकारस अंगाई अहिज्जइ, अहिज्जित्ता बहू हिं चउत्थछट्ठम जाव विहरति । तते णं से पउमे अगगारे तेणं ओरालेणं जहा मेहो तहेव धम्म नागरिया चिता एवं जहेव मेहो तहेव समणं भगवं आपुच्छित्ता विउले जाव पाओवगते समागे तहारूवं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एकारस अंगाई, बहुपडिपुग्णाई पंच वासाइं सामनपरियाए, मासियाए संलेहणाए सर्टि भत्ताई आणुपुबीर कालगते, थेरा ओत्तिन्ना भगवं गोयमं पुच्छइ, सामी कहेइ जाव सहि भत्ताई अगसणाए छेदित्ता आलोइय० उड़ चंदिमसोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववन्ने दो सागराई । से णं भंते ! पउमे देवे तातो देवलोगातो आउक्खएणं पुच्छा, गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा दढपइन्नो जाव अंतं काहिति । तं एवं खलु जंबू ! समणे णं जाव संपत्तेणं कप्पवडिंसियाणं पढमस्स अज्झयगस्स अयमढे पन्नत्ते त्ति बेमि ॥१॥ जाणं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नते, दोच्चरस णं भंते ! अज्झयणस्स के अढे पष्णते ? एवं खलु जंबू तेणं कालेणं २ चंपा नाम नगरी होत्था, पुनभद्दे चेइए, कूणिए राया, पउमावई देवी । तत्थ णं चंपार नयरीए सेणियस्स रन्नो मज्जा कोणियस्स रन्नो चुल्लमाउया सुकाली नाम देवी होत्था । तीसे णं सुकालोए पुत्ते सुकाले नाम कुमारे । तस्स णं सुकालस्स कुमारस्स महापउमा नाम देवी होत्था, सुकुमाला। तते णं सा महापउमा देवी अन्नदा कयाई तसि तारिसर्गसि एवं तहेव महापउने नामं दारते, जाव सिज्झिहि ति, नवरं ईसाणे कप्पे उववाओ उकोसट्टिईओ, तं एवं खलु जंब ! समगेणं भगवया जाव संपत्तेण । एवं सेसा वि अट्ट नेयत्वा । मातातो Jain Educat i onal For Personal & Private Use Only F lanelibrary.org

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