Book Title: Mahavira ka Arthashastra Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Adarsh Sahitya SanghPage 86
________________ महावीर का अर्थशास्त्र पदार्थ और स्वतंत्रता स्वतंत्रता पदार्थ के साथ नहीं जुड़ सकती । जहां-जहां पदार्थ का विकास होता है, वहां वहां आदमी परतंत्र बन जाता है । पहले पदार्थ किसी व्यक्ति का गुलाम बनता है, फिर व्यक्ति पदार्थ का गुलाम बन जाता है। जैसे कहा जाता है—पहले आदमी शराब पीता है, फिर शराब आदमी को पीने लग जाती है। ठीक वैसे ही यह कहा जा सकता है-पहले आदमी पदार्थ को अपने अधीन बनाने का प्रयत्न करता है, फिर पदार्थ उसको अपने अधीन बना लेता है। इतना अधीन बना लेता है कि व्यक्ति मरते दम तक पदार्थ को छोड़ नहीं सकता। एक व्यक्ति मृत्युशय्या पर था, अंतिम सांसें गिन रहा था। सारी प्राणशक्ति को जुटा कर बड़े लड़के को पुकारा । बड़ा लड़का बोला-पिताजी ! मैं यहीं बैठा हूं। फिर क्रमश: दूसरे, तीसरे और चौथे का नाम पुकारा। सबने कहा-पिताजी ! हम यहीं है। उसने झल्लाकर कहा—मुखौं ! सबके सब यही हो तो दुकान पर कौन है?' स्वतंत्रता की भाषा ___ पहले पदार्थ सामने रहता है फिर पदार्थ के अधीन बन जाता है, तो स्वतंत्रता अपने आप छिन जाती है। महावीर ने स्वतंत्रता की जो परिभाषा दी, वह यह है—जितना ज्यादा इच्छा-परिमाण का विकास होगा, उतने ही तुम स्वतंत्र रह सकोगे। गांधी की भाषा भी लगभग यही है। किन्तु मार्क्स की भाषा में एक ओर है शासनविहीन समाज, दूसरी ओर है पदार्थ का प्रचुरतम विकास । इन दोनों में परस्पर इतना विरोध है कि दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकतीं। केनिज का अर्थार्जन में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सिद्धान्त भी स्थायी नहीं हो सकता। स्वतंत्रता के साथ परोक्ष रूप से परतंत्रता के न जाने कितने बंधन आते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था में प्रत्यक्षत: अर्थार्जन में कोई प्रतिबंध नहीं है किन्तु प्रकारान्तर से कितने प्रतिबंध लग जाते हैं, यह अपहरण और चोरी करने वाले जानते हैं। आज तो इसके इतने तरीके विकसित हो गए हैं कि एक व्यक्ति के द्वारा अर्जित धन में हिस्सेदारी कैसे बंटाई जाए? इस भाषा में सोचा जाता है-यह संविभाग करना नहीं जानता है तो हम संविभाग करना जानते हैं। इस अर्थ में सोचें तो परतंत्रता की बात बहुत सापेक्ष बन जाती है, स्वतंत्रता का बिन्दु बहुत चिन्तीय बन जाता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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