________________
२. व्रत-दीक्षा
१४९
• मैं अपने राष्ट्र से बाहर जाकर राजनीति में हस्तक्षेप और जासूसी नहीं
करूंगा। स्थानीय जनता के हितों को कुचलने वाला व्यावसायिक विस्तार
नहीं करूंगा और बिना टिकट या पारपत्र के यात्रा नहीं करूंगा। ७. भोगोपभोग-परिमाण व्रत • मैं उपभोग-परिभोग विधि का प्रत्याख्यान करता हूं- निम्ननिर्दिष्ट वस्तुओं
का परिमाण करता हूं१. उल्लणिया विधि-अंगोछे का परिमाण। २. दन्तवन विधि-दतौन का परिमाण । ३. फल-विधि-स्नान के लिए काम में लिये जाने वाले आंवले आदि का
परिमाण।
८.
४. अभ्यंगण विधि-तेल-मर्दन का परिमाण । ५. उद्वर्तन विधि-उबटन (पिट्ठी) का परिमाण । ६. मज्जन विधि--स्नान-जल का परिमाण । ७. वस्त्र विधि-वस्त्र का परिमाण ।
विलेपन विधि-चन्दन आदि के विलेपन का परिमाण । ९. पुष्प विधि-पुष्प या पुष्पमाला का परिमाण । १०. आभरण विधि-आभूषण का परिमाण। ११. धूपन विधि-अगरबत्ती आदि जलाने का परिमाण । १२. भोजन विधि-खाद्य पदार्थों का परिमाण । जैसे• पेय विधि-पेय द्रव्यों का परिमाण । • भक्ष्य विधि-मिठाई एवं नमकीन आदि का परिमाण । . ओदन विधि-चावल आदि अन्न का परिमाण । • सूपविधि-दालों का परिमाण।। • घृतविधि-घृत, तेल आदि स्नेह का परिमाण । • शाक विधि-पालक आदि शाक का परिमाण । • मधुर विधि-आम आदि फलों तथा मेवों का परिमाण ।
तेमन विधि-दहीबड़े आदि का परिमाण ।
पानीय विधि-जल प्रकारों, (भौम, अंतरिक्ष) का परिमाण । • मुखवास विधि-ताम्बूल आदि का परिमाण।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org