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प्रस्तावना : १३ उपलब्ध साहित्य संदर्भो तथा विदेशियों के विवरणों का भी अनुशीलन किया है । प्रस्तुत पुस्तक की रचना कर उन्होंने सरयूपार-क्षेत्र के इतिहास
और संस्कृति के उदघाटन में जो उपलब्धि प्राप्त की है उसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं।
कृष्णदत्त बाजपेयी
सेवा निवृत्त टैगोर प्रोफेसर तथा सागर ( म० प्र०)
अध्यक्ष, ज्येष्ठ पूर्णिमा,
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति १९ जून, १९८९.
तथा पुरातत्व विभाग सागर विश्वविद्यालय
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