________________ लेखक श्री भगवती प्रसाद खेतान का जन्म देवरिया जनपद के पडरौना नगर में 28 नवम्बर 1926 को हुआ। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा यू० एन० के० हाईस्कूल, पडरौना, देवरिया जनपद में हई और उच्च शिक्षा सिन्डेहेम कालेज आव कामर्स एण्ड अर्थशास्त्र, बम्बई में हुई। आपका निवास और कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से पडरौना और बम्बई रहा है। आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि औद्योगिक रही है। आप देवरिया जनपद की दो चीनी मिलों ईश्वरी खेतान मिल और महेश्वरी खेतान मिल के क्रमशः प्रबन्ध-निदेशक और निदेशक रहे हैं। इसके अतिरिक्त आप परिवार की कई अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के संचालक रहे हैं। आरम्भ से ही आपकी लेखन और पर्यटन में रुचि रही है। आपका कहानी संग्रह दीपदान 1949 में प्रकाशित हुआ है। उद्योग से जुड़े होने के कारण आपने औद्योगिक समस्याओं पर भी लेखनी चलाई है। आपने पूर्वाञ्चल चीनी उद्योग की समस्याओं पर 'प्राब्लम्स आव सुगर इण्डस्ट्रीज इन ईस्टर्न उत्तर प्रदेश' (1961) शीर्षक पुस्तक भी लिखी है। शिक्षा, व्यवसाय और सामाजिक क्रियाकलाप से जुड़ी कई संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यसमिति सदस्य, आजीवन सदस्य और नामांकित सदस्य रहे हैं। आपने 'उत्तर प्रदेश कृषक समाज, पडरौना' की स्थापना की और रोटरी क्लब गोरखपुर के संस्थापक सदस्यों में रहे। उक्त गतिविधियों के अलावा आपने अब तक लगभग 20 इतिहास विषयक गोष्ठियों और अधिवेशनों में शोध-पत्र प्रस्तुत किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, अभिनन्दन ग्रन्थों में आपके इतने ही लेख प्रकाशित हुए हैं। आप कवि-सम्मेलनों में कविता-पाठ भी करते रहे हैं और अनेक अवसरों पर आकाशवाणी पर आपने विभिन्न विषयों पर विचार प्रस्तुत किये हैं। लगभग 67 वर्षीय श्री खेतान आज भी अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति और ज्ञानपिपासा को शान्त करने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। प्रस्तुत कृति महावीर-निर्वाण भूमि पावा : एक विमर्श इसी का प्रतिफल है। For Private & Personal use only ainelibrary.org