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पावा- पड़रौना अनुशीलन : १०१
uraona ) या ( Paraona ) नाम से जाना जाता था । फ्यूरर' के समय ( १८८६ - १८९१ ) में इसमें किंचित परिवर्तन हुआ । यह पड़रौना (Padrauna ) या परौना ( Parauna ) पुकारा जाने लगा । वर्तमान काल में इसे पड़रौना ( Padrauna ) नाम से जाना जाता है । इस प्रकार जब लगभग १७५ वर्ष में इतना परिवर्तन हो सकता है तो पिछले २५०० वर्षों में कितना परिवर्तन हुआ होगा, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है।
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पड़रौना के लिए प्रयुक्त अंग्रेजी के अक्षरों पर विचार करना अति आवश्यक है । अंग्रेजी में हिन्दी 'द' अक्षर के लिए 'डी' अक्षर का प्रयोग होता है । पड़रौना वास्तव में हिन्दी लिपि में पदरौना है, जैसा कि कनिंघम ने पदरवन, पदरमन, पड्रवन इत्यादि नाम पड़रौना के लिए प्रयुक्त किया है । अंग्रेजों के लिए हिन्दी शब्द का शुद्ध लेखन और उच्चारण कठिन था । इसी कारण बुकनन 'ने 'द' के स्थान पर अंग्रेजी में R अक्षर का प्रयोग किया है, तथा कनिंघम ने R के साथ-साथ डी का प्रयोग किया है । अंग्रेज अपनी सुविधानुसार हिन्दी शब्दों को तोड़-मरोड़ कर अंग्रेजी में प्रयोग किया करते थे ।
पड़रौना उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के निकट देवरिया जनपद के उत्तरीपूर्वी छोर पर सिधुवाँ जोबना परगना में बिहार की सीमा से सटा हुआ ८३.५९° पूर्वी देशान्तर एवं २६.५४° उत्तरी अक्षांश पर स्थित है । कुशी- नगर से १२ मील उत्तर-पूर्व बाड़ी नदी के तट पर वह चन्द्राकार रूप में स्थित है । पड़रौना से उत्तर-पश्चिम लुम्बिनी एवं पिपरहवा ( कपिलवस्तु ) की सीधी रेखा में दूरी क्रमशः ९६ कि० मी० तथा ९१ कि० मी० है । यह गंडक से पश्चिम में ३२.४५ कि० मी० पर स्थित है । पड़रौना, तहसील पड़रौना का मुख्यालय है जिसकी स्थापना १८०५ में हुई थी । यह एक औद्योगिक एवं व्यापारिक केन्द्र है ।
पड़रौना तहसील के उत्तर में देवरिया की हाटा तहसील, उत्तर-पूर्व में बिहार राज्य का पश्चिमी चम्पारण जनपद, पूर्व व दक्षिण-पूर्व में बिहार का ही गोपालगंज जनपद, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम में देवरिया सदर तहसील एवं पश्चिम में देवरिया सदर तथा हाटा तहसील स्थित है । इस प्रकार पड़रौना तहसील का भाग बिहार से घिरा हुआ है । शेष भाग देवरिया तथा हाटा तहसील के क्षेत्र में है । बाँसी तथा गंडक नदियाँ १. फ्यूरर, ए०, मानुमेण्टल एण्टीक्विटीज एण्ड इन्स्क्रिप्शन्स, नार्दन, वेस्टर्न
प्राविन्सेज, पृ० २४९ ।
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