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पावा की अवस्थिति सम्बन्धी विभिन्न मत : ७३
२६०.८० अक्षांश उत्तर और ८४° १८ देशान्तर पूरब लखनऊ - गोहाटी राजमार्ग नं० २८ पर स्थित है । सठियांव एवं फाजिलनगर दो अलगअलग ग्राम हैं । सठियांव में एक डीह ( टीला ) है। टीले पर एवं पार्श्ववर्ती क्षेत्रों में ग्राम बसा है । यह विशाल टीला भूमि से लगभग ६ मीटर ऊँचा है । इसकी लम्बाई पूर्व से पश्चिम लगभग १२० मीटर और उत्तर से दक्षिण लगभग ८० मीटर है । फाजिलनगर, सठियांव से उत्तरीपूर्वी कोने में पूरब- उत्तर-पूर्व की ओर करीब २३०० फीट या १/२ मील से भी कम दूरी पर स्थित है । फाजिलनगर थाने के समीप ही मुख्य राजमार्ग के उत्तरी ओर फाजिलडीह ( टीला ) स्थित है । यह टीला सड़क के किनारे-किनारे पश्चिम से पूर्व को चला गया है ।
फ्यूरर' ने सठियांव डीह या टीले की लम्बाई उत्तर से दक्षिण १९०० फीट तथा चौड़ाई पूर्व से पश्चिम ९०० फीट बताया है । इस डोह के पश्चिम में १२०० x ५५०' का एक तालाब है । इस डोह से लगभग ६५०' को दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में दूसरा वृत्ताकार टीला ( व्यास २७० ) है । इसके अलावा डीह के निकट अनेक टीले एवं पोखरे हैं । सठियांव डोह से लगभग 2 मील दूरी पर उत्तर-पूर्व में फाजिला या फाजिलनगर स्थित है । इसके निकटवर्ती टीले पर एक विशाल आयताकार स्तूप के भग्नावशेष दृष्टिगोचर होते हैं जिसकी लम्बाई पूर्व से पश्चिम २७० ' फीट तथा चौड़ाई उत्तर-दक्षिण १५७' है । इस स्तूप के धरातल की परिधि लगभग ४००' एवं ऊँचाई ६३.५ ' फीट होनी चाहिए । • टीले के विस्तृत पूर्वी भाग में उक्त स्तूप से लगभग ४० फीट उत्तर-पूर्व दिशा में एक टीला है जिसकी परिधि लगभग १७० ' है जो प्राचीन आयताकार मन्दिर का भग्नावशेष प्रतीत होता है इसकी लम्बाई पूर्व से पश्चिम • लगभग ३०' तथा चौड़ाई उत्तर से दक्षिण लगभग २१' है ।
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कार्लाइल पहले विद्वान् हैं जिन्होंने सठियांव - फाजिलनगर को ही
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१. फ्यूरर ए०, मानुमेन्टल एन्टीक्विटीज एण्ड इंस्क्रिप्शन्स इन नार्थ वेस्टर्न प्राविन्सेज एण्ड अवध, पृ० २४०, इन्डोलाजिकल बुक हाउस, वाराणसी १९६९ ।
२. कार्लाइल, ए० सी० एल०, आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इंडिया रिपोर्ट खण्ड, १८, पृ० १०१, इन्डोलाजिकल बुक हाउस, वाराणसी १९६९ ।
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