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सर्व मूर्तियोंको इस क्षणमें ही समुद्रमें डलवा दे तो ही हिन्दुस्तानकर.' कुछ कल्याण हो सकता है, इसलिये हे प्रभु! इस गरीब हिन्द पर कृपा करके मेरी प्रार्थना पर अमल करो" मतलब ऐसा है कि अभीही परमेश्वर आकार इस बेवकूफाईसे भरी प्रार्थनाको स्वीकार करें इनके कहने अनुसार कर देगा। आवेशमें आकर वे कहते हैं कि प्रभु हमारी योजनामें मदद कर्ता होवे । जहाँ तक उनसे नग पड़ता है युक्ति पर युक्तिसे दो पाचको अपने जैसे मूर्तिपूनाले विरोधी बना लेते हैं
और मानते हैं कि थोड़े ही समयमें सारा आर्यावर्त हमारे करे हुए सत्यका अनुभव करके उनके सिद्धान्तका अनुचरण करने ला जायगा परन्तु जब वे अपने हृदयका रंग दूसरों पर चलता नहीं. देखते हैं, और उत्साह रहित यानि साईके टू समान संसारको उपडे. आवेशमें चलता देखते हैं तब वे अपने आवेशमें भुको दो. पाँच गालिये दे मारते हैं और कहते हैं कि परमेश्वरको भी इस दुनियाका बड़ा राज्य चलाना नहीं आता। वे यह मानते है.कि यदि परमेश्वर के पास हमारे जैसे दो पांच सलाहकार होते तो इतना अधिक अंधेरा नहीं होता। अरे ! संसारको प्रकाशमें लानेके आवेगसे प्रेरित दयापात्र मनुष्यो ! जरा आत्मस्थितिको समझो और पहिले अपना कल्याण करों।
कोई भी वात किसीके हृदयको अरुचिकर लगती हो और वह हमें चाहे कल्याणकारी प्रतीत होती हो तो भी उसको बलात्कारसे किसीके आगे रखना उससे इसको सत्य मनानेका प्रयत्न करना मानो ऐसा है कि तलवारके बोरसे अपना धर्म मनानेवाले . पूर्वके मुसलमान.राजाओंके समान ही कार्य है। दोनोकी कार्य