Book Title: Mahavira Jivan Vistar
Author(s): Tarachand Dosi
Publisher: Hindi Vijay Granthmala Sirohi

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Page 115
________________ जैन समाज' । . (हिन्दी भाषाका मासिक पत्र ) , इसका मासिक सम्पादन और व्यवस्था इतने दिनतक हमारे दूसरे मित्रोके हाथ में थी। उनसे जितना हो सका इसके लिये अच्छा कार्य किया और कर रहे हैं कईएक अनिवार्य कारणोंसे यह मासिक कुछ: समय तक बन्द था । परन्तु जुन महीनेसे इस मासिकको हम फिर . शुरू करते हैं इसके जो पुराने ग्राहक हैं उनको जितने महिने तक मासिकवन्द रहा है उतने ही फार्मकी हम पुस्तकें देनेको तैयार है जिसका विस्तृत नोट म्ये पुस्तकोके नामोके हम दो सप्ताहके अंदर सप्ताहिक पत्रोमें प्रकाशित करेगे | अवसे इस मासिकमें जोर लेख रहेगे उनमें मुख्यतः समाजसुधार और शिक्षा पर होंगे। इसके भेटका पुस्तक महावीर जीवन विस्तार तैयार हो गया है जिन्हे ग्राहक. होना हो ग्राहकश्रेणीमें नाम लिखादे और जो पुराने ग्राहक है वे हमे सूचित करे कि हम ग्राहक रहनेको तेयार है। उनकोय ही महावीर जीवन विस्तार पुस्तक तथा इस मासिक पत्रका पहिला अङ्क वी० पी द्वारा भेजा जायगा। बी० पी० सिंधी, मैनजर 'जैन समाज' आबूरोड (सिरोही)

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