Book Title: Mahavira Jivan Vistar Author(s): Tarachand Dosi Publisher: Hindi Vijay Granthmala Sirohi View full book textPage 6
________________ [ 8 ] इनकी मातृश्री और दादीजीने भी काल कर लिया । अतएव ये विटम्बनाओंसे गिर गये और आठ महीने तक कुछ भी कार्य नहीं: कर सके | इसलिये हम हमारे पाठकोंसे माफी चाहते हैं जो कि. असें इस पुस्तकको पढ़नेके लिये आतुर हो रहे हैं । हमें अपने पाठकों को यह दिखाते हुए हर्ष होता है किअब हमारे मुनिगण सार्वजनिक और शिक्षा रहितके कार्य में भाग लेने लग गये हैं। हमारी समिति के निम्न लिखित मुनिगण और साध्विओंने भी संरक्षक होना कबूल किया है यदि हमें हमारे मुनिराजों साध्वियों, सेठों और सहायकोंकी ओर से सहायता मिलती रही तो हम हमारे आदर्श पुरुषोंकी जीवनिमें इसी प्रकारका रस रेडते रहेंगे और उसका स्वाद जनसमाजको चखाते रहेगे । इतना नहीं अलावा इसके हम साहित्य आंग, उपांग और स्वास्थ्य सम्बन्धी पुस्तकें भी इसी माला द्वारा हिन्दी भाषामें प्रकाशित करेंगे । श्रीमद् पंडित मुनिराज घीरविजयजी महाराज पंडितव मुनिराज हरिसागरजी महाराज मुनिराज क्षेमसागरजी महाराज 71 17 "" श्रीमति साध्वीजी श्री गुणसरीजी महाराज इस माला के द्वारा अभी दो पुस्तकें निकलनेवाली हैं एक यही प्रस्तुत पुस्तक है:Page Navigation
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