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"स्वदेशी" स्वयं सेवक ।
तुम नहीं जानते । तुम्हारी शक्ति हर रोज बहतो जाती है। अब तुम्हारी शक्ति का अनादर किया नहीं जा सकता 1 तुम लोगों ने, स्वदेशी आन्दोलन करके, अपनी अपार शक्ति का ख़ब परिचय दिया है । अतएव तुम्हारी शक्ति अवश्य सम्मानित होगी। तुम्हारे प्रभाव की वृद्धि हो रही है । तुम्हारी आवाज इंग्लैन्ड में भी सुन पड़ती है। तुम्हारे सहायकों की संख्या बढ़ती चली जा रही है । तुम्हारी आशा अवश्य सफल होगी। तुम लोग, प्राचीन समय से, आत्मत्याग के लिये प्रसिद्ध हो । अात्मत्याग का समय भान पहुँचा है। तुम्हारी भावी दशा तुम्हारेही हाथ में है । तुम अपने बंगाली-भाइयों की,,शूरता की लड़ाई में, सहायता करो। हिन्दुस्थान के पुनरूजीवन तथा उन्नति के जिस कार्य में तुम्हारे बंगाली-भाई अप्रेसर हुए हैं उसमें तुम सब एक दिल मे योग दो।"
अंत में हम भी परमेश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि हमारे देशभाई. काटन साहब के उपदेशानुमार, अपने देश की भावी दशा को स्वयं सुधारने के लिय, 'स्वदेशी' स्वयं-सेवक बनें; क्योंकि जब हम अपने मन में भावी उन्नति की आशा करके आत्मत्याग करेंगे और सन्चे स्वदेशी' स्वयं-सेवक बनेंगे तभी हमारे भाग्य का उदय होगा ।