________________
। रतन परोक्षक। दिल्ली इलाके अडंगपुर में होती है. इसकी एक किम्म को जिम्मकटक भी कहते हैं इसकी पैदायश हिमालय सिंघल, विद्याचल में होती है यह अनेक प्रकार का होता है
और सर से उत्तम हिमालय का गिना जोता है जो सूर्य किर्ण से आगळेवे नाम सूर्य कांत है चंद्र किरण से अमृत देवे नाम पद कांत हे परंतु यह ना पेद है, विद्याचल का अनार दाणेवत होता हैं जो हिमालय में गंव नीली खान से निकलता है उसका रंग नीला है जहां पभ राग मिलता है वहां फटक भी मिलता है इस के कितने ही नाम हैं. ___ जो साफ रंग होवे और पानी में छोड़ने से रंग मिलजावे उसको शक्ल जोन कहते हैं. जो लाल होवे और छाया कमलब त होवे उसको राज वर्नक कहते हैं. जो नीली छायादेवे उस को राज मय कहते हैं. जिसके चोगिर्द वृह्म सूत्रवत निशान होवे उसको नाम ब्रह्म मय कहा है और जिसका आकाश बत रंग निर्मल होता है उसको तैलाग्य कहते हैं यह सब रंगों को गृहण करता है और सब रत्नों के साथ मिल जाता है इस की एक किस्म दर्रे नजा नान कर के है जो मानिंद विौर के शुद्ध निर्मल होता है
॥ गउ दन्ता॥ इसका रंग चिट्टा अभर दार नीलापन लिये सुषेदोलाई हुई मानिंद बदली के होता है इसकी पैदाइश विलायत में होती है
॥तांवडा॥ इसका रंग काले में सुरख होता है इसकी पैदाइश पर के इलाके में होती है
॥ लुधीया ॥ यह मजंट के माफिक लाल होता है
मरियम || इसकी जमीन खाक मिट्टी के रंग कीसी होती है जिसके