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। रतन परीक्षक!
॥ मुवेनजफ ॥ सफेद में बोलके माफिक लकीर होती है
कहरवा ॥ रंग पीला जिसका बोरवा माला बनता है इसको कपूर कहते हैं
॥ झरना ॥ कह रंग में मटीया होता है इस में पानी घालने से सब पानी झर जाता है
॥संग वसरी॥ इस का रंग खाकी ऊदा माइल होता है नेत्र रोग के वास्ते अति श्रेष्ट है तीन सौ रुपये तक तोला कीमत का होता है. बसर देश में पहाडों वीच मिलता है
॥दातला ॥ यह जर्द पन लिये सफेद होता है
॥मकडी ॥ यह सादापन लिये हुए काला होता है, ऊपर से मकडी के जाल के माफिक
॥संगीया ॥ यह संख के माफिक सफेद होता है
॥ संग गुदडी । इसकी शकल फकीर की गुदडो वत होती है इस के अंदर सब रंगों के टुकडे जडे हुए नजर आते हैं जैसे गुदडी में अ. नेक रंग शोभा देते हैं, नर्मदा नदी बीच यह पैदा होता है
॥कासला॥ इसको रंग चिट्टा चिकनाट, तोल मे भारा, नेपाल देश के पहाडों वीच मिलता है