Book Title: Lecture On Jainism
Author(s): Lala Banarasidas
Publisher: Anuvrat Samiti

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Page 334
________________ । रतन परीक्षक। ॥ संगतारा ॥ इस पत्थर बीच बहुत चमकदा तारे दिखाई देते हैं इसकी नकलखोटे कात्र के बने हुए विलायत से आते हैं जो सुन्दर होते हैं ॥संग ओपल ॥ इसका रंग चिट्टा ऊपर अनेक रंग के तरंग चमकारे शोभ. ते हैं जैसे पानी में तेल डालने से नरंग शोभा देती है पैदाइश इसकी विलायत में है ॥ संग धेरा ।। इसका रंग खोकी भूसले रंग ऊपर होता है पैदाइश इ. लाके दिल्ली में ॥ मंग आतिश ।। इसका रंग गहरा बदामी रंग ऊपर होता है ऊपर अभर खाकी काले जर्द धब्बे दार दो दो रंग दिखाई देते हैं. यह नर्मदा नदी में पैदा होता है. इसके खरल आदि बनाये जाने हैं

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