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जैनधर्मपर व्याख्यान
ससे तुलना कर, अपने में जो कुछ न्यूनता एक दूसरेका अज्ञानतम दूर करना, और नवीन हो वह दूसरेके सहाय्य से पूर्ण कर लेना चा तयार होकर देखनेवाले सामान्य धर्मको हिये, जबकी 'अपना व पराया बलाबलज्ञान' (Universal Religion ) यथाशक्ति सहायइस वीसवीं शताब्दिका धर्मशास्त्रमा दिख रहा कर मनुष्यजातिके कल्याण करनेके श्रेयका अंहै, ऐसे समय में जैन, बौद्ध, ख्रिस्तीय, मुसल- | शभाक् हो ऐसी प्रार्थना कर मैं लेखको मान, आर्यसमाज, ब्रह्मसमाज, आदि सर्व धर्म- पूर्ण करने की आज्ञा चाहता हूं. पंथोंका पारस्परिक परिचय करना कराना व
अनुवादक - नाथूराम प्रेमी.
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"आँख है तो जहाँन है "
डाक्टरोंने साबित किया है कि, हिन्दुस्थानियोंके १०० मेंसे दशकी आंखें तन्दुरुस्त हैं, बाकी ९० मनुष्योंकी आंखों में अनेक प्रकारके रोग रहते हैं. हमारे यहांके प्राचीन वैद्योका मत है कि, यदि नित्य ही आंखोंमें दोबार अञ्जन (शुरमा ) लगाया करें तो आंखोंमे किसी प्रकारका भी रोग न हो. अगर कोई रोग होय तो वे शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं. इस बातकी सत्यता नित्य शुरमा लगानेवालोंको पूछनेसे मालूम हो सक्ती है. जो लोग अपने नेत्रोंकी रक्षार्थ वर्ष में एक दो रुपया भी शुरमेकेलिये खर्च करने में कृपणता करते हैं, उनकी बड़ी भूल है. आजकल बम्बईके शुरमें जगतमें प्रसिद्ध है. परन्तु बम्बईके शुरमोंमें जितना लाभदायक शुरमा हमारा है, उतना कोई भी नहीं है. हमारे पास अनेक भाइयोंके प्रशंसापत्र हैं. सो एक शीशी मंगाकर व्यवहार करनेसे भले प्रकार खातिरी हो जायगी. अवश्य मंगाइये. कुछ शुरमोंके नाम नीचें लिखते हैं. काला शुरमा नं. १ यह शुरमा हमेशह नेत्रों में लगानेसे सब रोग वा आंखोंकी गर्मी नष्ट करके ज्योतिको बढाता है. मूल्य आधे तोलेकी शीशीका ... 11)
काला शुरमा नं २ इस ठंडे शुरमेको प्रातःकाल और सोते समय लगानेसे नेत्रोंके सब रोग शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं. मूल्य आधे तोलेकी शीशीका...
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काला शुरमा नं० ५ यह शुरमा बहुत बढियां और ठंडा हैं. मुल्य आधे तांलेके
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तरल शुरमा नं० ७ यह शुरमा अभी नया तैयार किया गया है.
इसको संवरे और शामको ४ बजे लगानेसे ध्वँद नजला दृष्टिमन्दता आदि नेत्रके समस्त रोग शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं. यदि पांच मिनिटके बाद काला शुरमा नं० २ का लगाया जाय तो डबल फायदा होता है. मूल्य एक शीशीका
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१) नयनामृत अर्क नं० ८ इसको सलाईसे दिनरातमें तीन चार बार लगानेसे नं० १ के मुवाफिक गुण करता है. मूल्य एक शीशीका...
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तरल शुरमा ( अर्क) नं० ९ यह अर्क दिनमें दो बार लगानेसे नं० २ के समान गुण करता है. दुखती आंखोंके लिये तो यह रामबाण ही है-खासकर यह शुरमा विधवा स्त्रियों और वृद्ध पुरुषोंकेलिये बनाया गया है. मूल्य एक शीशीका.
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मिलने का पता - - पन्नालाल जैन मैनेजर - स्वदेशी कार्यालय,
पो० गिरगांव, (बंबई.)