Book Title: Lakshya Banaye Purusharth Jagaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 20
________________ अभी तक अपनी सफलता के लिए पच्चीस फीसदी ताकत ही लगाई है। शत प्रतिशत शक्ति लगा दें, तो सफलता आपके हाथ में होगी। अब तक जो सफल हुए, वे समग्रता से सन्नद्ध हो जाने के कारण ही हुए। जो चीज औरों के साथ हो सकती है, वही हमारे साथ भी क्यों नहीं हो सकती । भगवान् कहते हैं जागो मेरे पार्थ! तुम्हारे कर्त्तव्य तुम्हें आमंत्रित कर रहे हैं। तुम कदम उठाकर तो देखो, आकाश की ओर छलांग लगाकर तो देखो, चाँद तुम्हारी हथेली में होगा । शिखरों पर तुम्हारे पद चिह्न होंगे-आने वाली पीढ़ी के लिए, फिर से किसी को प्रेरणा देने के लिए, ऊँचाइयों को पाने के लिए । १३ Jain Education International लक्ष्य बनाएँ, पुरुषार्थ जगाएँ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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