Book Title: Jayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Author(s): Aradhana Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
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षष्ठ अध्याय
बिम्ब योजना बिम्बात्मकता भी काव्य भाषा का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गुण है । यह काव्यशिल्प का आधुनिक सिद्धान्त है, जिसका जन्म पश्चिम में हुआ है । आधुनिक भारतीय काव्यशास्त्र में यह पश्चिम से ही ग्रहण किया गया है । यद्यपि भारतीय काव्य साहित्य बिम्बात्मकता से ओतप्रोत है, तथापि अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में भारतीय काव्यशास्त्र में इसका विवेचन नहीं हुआ है । पाश्चात्य काव्यजगत् में विम्वविधान को काव्य के मूल्यांकन का प्रमुख आधार स्वीकार किया गया है । इसे सिद्धान्त रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय टी०ई० ह्यूम (T. E. Hulme) ऐज़रा पाउण्ड (Ezra Pound) रिचर्ड एलडिंगटन (Richard Eldington) और विशेष रूप से सिसल डे ल्यूइस को है ।' काव्यबिम्ब का स्वरूप
अमूर्तभाव की मूर्त अभिव्यक्ति का नाम बिम्ब है । जब किसी अमूर्तभाव को मूर्त (इन्द्रिय ग्राह्य) पदार्थ के इन्द्रिय ग्राह्यरूप, गुण या क्रिया द्वारा अभिव्यक्ति किया जाता है तब उस रूप, गुण या क्रिया की शब्दों के द्वारा मन में उभरी छबि बिम्ब कहलाती है । शब्दजन्य होने के कारण उसे शब्दचित्र और मन में उत्पन्न होने के कारण मानसचित्र कहते हैं । इस प्रकार अमूर्तभाव का शब्दजन्य मूर्तरूप बिम्ब कहलाता है ।
बिम्ब इन्द्रियग्राह्य विषयों का ही बन सकता है क्योंकि उन्हीं के पूर्वानुभूतिजन्य संस्कार मन में विद्यमान रहते हैं और उन्हीं संस्कारों के कारण बिम्बनिर्माण होता है । इसलिए
१. नरेन्द्र मोहन : आधुनिक हिन्दी काव्य में अप्रस्तुत विधान, पृ० ५८ २. डॉ. सुधा सक्सेना : जायसी की बिम्बयोजना, पृष्ठ ६६-६७ 3- (A) Poetic image is name a more or less seasuous picture in words to same
degree metaphonical with an under note of some human emotion in its context, but also charged with and releasing into the readers of special poetic emotion or possion : Poetic Image : C.D. Lewis. Page-22 (B) What dowe understand, then by image ? In its simplest terms, it is picture made out of words: Glid, Page 18 (C) An Image is a word which aronses ideas of sensory perception. The Poetic Pattern: Robin Skeltion, Page 90