Book Title: Jayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Author(s): Aradhana Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 286
________________ तृतीय परिशिष्ट सन्दर्भ ग्रन्थसची - १. अभिनव भारती : अभिनव गुप्त, सम्पादक तथा भाष्यकार आचार्य विश्वेश्वर सिद्धान्त शिरोमणि, प्रकाशक-हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली २. आदि पुराण, भाग-२ : आचार्य जिनसेन, आचार्य गुणभद्र, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण, सन् १९६५ उत्तरमेघः कालिदास, प्रकाशक - रामनारायणलाल बैनीमाधव, इलाहाबाद, २फरवरी, १९७५ ऋषभावतार : मुनि श्री ज्ञानसागर जी, दि० जैन समाज, मदनगंज, प्र० सं०, सन् १९५७ ५. कर्तव्यपथ प्रदर्शन : आचार्य श्री १०८ ज्ञानसागरजी, ज्ञानोदय प्रकाशन, पिसनहारी मढ़िया, जबलपुर-३, षष्ठ संस्करण, सन् १९८९ कर्तव्यपथ प्रदर्शनः मुनि श्री ज्ञानसागर, श्री दि० जैन जैन पंचायत, किशनगढ़, रैनवाल, तृतीय संस्करण, सन् १९५९ काव्यप्रकाश : मम्मटाचार्य, मिथिला विद्यापीठ ग्रन्थमाला, सन् १९५७ काव्यप्रकाशःमम्मटाचार्य, टीकाकार गोविन्द ठक्कुर काव्यानुशासनः आचार्य हेमचन्द्र, निर्णयसागर प्रेस बंबई, द्वितीय संस्करण, सन् १९३४ १०. काव्यादर्शः दण्डी, भण्डारकर इन्स्टीट्यूट, पूना, प्रथम संस्करण, सन् १९२८ ११. काव्यालंकार :भामह, चौखम्बा प्रकाशन वाराणसी, द्वितीय संस्करण, सन् १९२८ १२. काव्यालंकर : रुद्रट, वासुदेव प्रकाशन, दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् १९६५ १३. कादम्बरी : महाश्वेता वृत्तान्त, प्रकाश हिन्दी व्याख्या सहित, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण, वि० सं०२०३३ १४. चक्रवाल : रामधारीसिंह दिनकर १५. चिन्तामणि, भाग-२ : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, सरस्वती मन्दिर, काशी, तृतीय आवृत्ति, संवत् २०१० १६. जयोदय (मूलप्रति) : पं० भूरामल शास्त्री, प्रकाशक - ब्र० सूरजमल जैन, · प्र०सं०, सन् १९५०

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