Book Title: Jayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Author(s): Aradhana Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

View full book text
Previous | Next

Page 290
________________ २३२ जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन शोध प्रबन्ध १. आधुनिक हिन्दी काव्य में अप्रस्तुत विधान : डॉ० नगेन्द्र मोहन, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, २३, दरियागंज, नई दिल्ली-६, प्रथम संस्करण, सन् १९७२ २. जायसी की बिम्ब योजना : डॉ० सुधा सक्सेना, अशोक प्रकाशन, नई सड़क, दिल्ली-६, प्रथम संस्करण, सन् १९६६ महाकवि ज्ञानसागर के काव्य : एक अध्ययन : डॉ० किरण टण्डन, ईस्टर्न बुक लिंकर्स, ५८२५, न्यू चन्द्रावल, जवाहर नगर, दिल्ली, प्र० सं०, सन् १९८४ ४. शैलीविज्ञान और प्रेमचन्द की भाषा : डॉ० सुरेशकुमार, द मेकमिलन कम्पनी आफ इण्डिया लिमिटेड, नई दिल्ली, प्र० सं०, सन् १९७८ . | पाण्डुलिपि १. ऋषि कैसा होता है : आचार्य श्री ज्ञानसागर जी २. जयोदय उत्तरार्ध स्वोपज्ञ टीका : आचार्य श्री ज्ञानसागर, जी ३. मुनिमनोरञ्जनाशीति : आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ४. मूक माटी अनुशीलन : डॉ० श्री रतनचन्द्र जैन, रीडर, बरकतउल्लाह ... विश्वविद्यालय, भोपाल (म. प्र.) ५. वीरशर्माभ्युदय : आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ६. भक्तियाँ : आचार्य श्री ज्ञानसागर जी

Loading...

Page Navigation
1 ... 288 289 290 291 292