Book Title: Jambudwip Pragnaptisutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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___. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र धारयतीत्येवं शीला अत्र 'मल, मल्ल धारणे' इति भौवादिक मलधातो णिनि प्रत्यये नान्तलक्षणो डीप्प्रत्ययः स्त्रियां वोध्यः, एवमग्रे फेनमालिनी गम्भीरमालिनीत्यत्रापि, तत्र गम्भीरमालिनीत्यस्य गम्भीरं-निम्नं जलं मालते इत्येवं शीत्यर्थः ‘एवं मंदस पञ्चयस्स' इत्यादि-एवम्-उत्ताभिलापेन शीतोदा सहानदीतविभाग युगलान्तर्गत विजयादि निरुपणप्रकारेण मन्दरस्य पर्वतस्य 'पञ्चस्थिमं पाश्चात्यं 'पास' पाच 'माणियवं' भणितव्यंवक्तव्यम् 'तत्थ' तत्र विजयादिपु 'ताव' तावत् इति वारयालझारे 'सीयोयाए णईए' (सुखप्पे विजए वेजयंती रायहाणी ओम्निमालिणी नई) सुबन लाना विजय है, वैजयन्ती नामकी राजधानी है और उनिमालिनी नाल की नदी है (महावप्पे विजए जयंति रायहाणी, सूरे वक्खारपव्वए) महावन नाम का विजय है जयन्ती नामकी राजधानी है और सर नाम का वक्षस्कार पर्वत है (वप्पावई विजए, अपराइया रायहाणी फेणमालिणी गई) वप्रावती नामका विजय है अपराजिता नाम की राजधानी है और फेनमालिनी नामका नदी है (घग्गू विजए चक्कपुरारायहाणी, णागे वक्खारपच्चए) बल्गू नाम का विजय है, चक्रपुरी नामकी राजधानी है और नाग नाम का वक्षस्कार पर्वत है (सुवग्गू विजए, खग्गपुरा रायहाणी, गंभीरमालिणी अंतरणई) सुवल्गू नाम का विजय है, खड्गपुरी नामकी राजधानी है, और गंभीरमालिनी नामको अन्तर नदी है (गंधिल्ले विजए, अवज्झा रायहाणी, देवे वक्खारपव्वए) गंधिल्ला नामका विजय है, अवध्या नामकी राजधानी है और देव नाम का वक्षस्कार पर्वत है (गंधिलावई विजए अओज्झा रायहाणी) ८ वां विजय गंधिलावती नाम का है और इसमें अयोध्या नाम की राजधानी है (एवं मंदरस्स पव्वદિવ મુખવનખંડમાં વપ્ર નામક વિજય છે. વિજયા નામે રાજધાની છે. અને ચન્દ્ર नाम पक्ष त छ. 'सुवप्पे विजए वेजयंती रायहाणी ओम्मिमालिणी नई सुक्न નામક વિજય છે. વિજયન્તી નામે રાજધાની છે અને ઉમિમાલિની નામની નદી છે. 'महावप्पे विजए, जयंति रायहाणी, सूरे वक्खारपव्वए' महाप नाम विनय छे. यन्ती नाम राजधानी छ भने सूर नाम क्षार पर्वत छ. 'वप्पावई विजए, अपराइया रायहाणी फेणमालिणी गई' प्रावती नाम विभयछ. मति नामे यानी छ भने निभा. नि नाम नही छ. 'वग्गू विजए चक्कपुरा, रोयहाणी णागे वक्खारपव्वए' पशु नामे विन्य छ, य४पुरी नाम४ सयानी छ भने नाम नाम १४२ त छ. 'सुवग्गू विजए, खग्गपुरा रायहाणी, गंभीरमालिणी अंतरणई' सुपरशु नाभे विभय छे. समां मा पुरी नाम यानी छ भने अलीर भासिनी नाम४ मन्त२ नही छे. 'गंधिल्ले विजए, अवज्झा रायहाणी, देवे वक्खारपव्वए' घिe नाम विनय छे. सध्या नाम - धानी छ भने ४१ नामे पक्षा२ त छ. 'गंधिल्लावई विजए अओझा, रायहाणी'