Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner
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२३८
श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला
घोल भाग पृष्ठ
८१२४३७६
विषय बारह भावना पर दोहे वारह भाव व्रत श्रावक के ७६४ ४ २८० भागम. निश्चय और व्यवहार से बारह भिक्खु पडिमा
२०
बारह भेद प्रशस्त मन ७६१ ४ २७५ अ मृ विनय के
वारद्द बारह भेद कल्पोपपन्न देवों के
बारह भेद भाषा के
बारह भेद सूत्र के बारह महीनों में पोस्सिी का परिमाण
प्रमाण
बारह भेद अवग्रह ज्ञान के७८७ ४२६६ ठाउ ३. ४१० टी, विशे.गा. ३०७, तस्वार्थ अध्या १ सू. १३ बारहभेदअसत्यामृपाभापाके७८८ ४ २७२ प प ११ सृ. १६५टी.
७६५ ४ २८५ मम १२, दशा ३ ७, भश, २३ १
बारह मास
बारह विशेषण धर्म के बारह विशेषण सापेक्ष यति धर्म के
वारह व्रत श्रावक के
(पाँच अग्गुवन) (तीन गुणवत) (चार शिक्षाव्रत)
बारह मान्यताएं चन्द्र और७६६ ४ ३०० सूर्य प्रा. १६. १०० सूगाँकी संख्या के विषय में
८०८४३१८ पन्न१.२,४,६, जी प्रति. ३ सृ.
२०७२२३, तत्त्वार्थ अध्या 4 प्रश्न धर्महार २२४ टी
७७६ ४२३८
७७८ ४ २३५
उ१गा १९६१
८०३४ ३०४ उत्तम २६गा १३-१८
८०२४३०३ सूर्य प्रा१० प्रा. प्रा. १९ ८०४४३०६ गाभा क १० (धर्मभावना) न.३६६
८०६ ४३१४
३०० १२८८ मान अ. ६ ८१७-३६,
१२८क १ ६१
उपा.१६, ठा..३६, पचा१गा ७-३०. मधि.: मो. ०३-२०१४३-६४
པ་
१८६ १ १४०

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