Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

View full book text
Previous | Next

Page 344
________________ २६१ श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला विषय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण श्रावक के चार प्रकार १८४ ११३८ ठा ४३.३मू ३२१ श्रावक के चार विश्राम १८८ १ १४२ ठा ४३.२सू ३१४ श्रावक के चार शिक्षाबत १८६ १ १४० श्राव ह अ.६८३१-८३६, पंचा १गा.१-३२ श्रावक के चौदह नियम ८३१ ५ २३ गिना.,ध अधि २श्लो ३४५६ श्रावक के छःगुण ४५२ २ ५६ धर गा ३३ श्रावक के तीन गुण व्रत १२८क १६१ प्राव ह म पृ८२६-८२६ श्रावक के तीन मनोरथ ८८१ ६४ ठा ३२ ४ स २१० श्रावक के दसलक्षण ६८४ ३ २६२ भग २३.५ १०५ श्रावक का पॉच अणुव्रत ३०० १ २८८ भाव र भ.६५.८१७८२६,ठा ४ सू३८६,उपाय १६,ध अधिग्लो .२३.२६.४७६. श्रावक के पाँच अभिगम ३१४ १ ३१५ भश २३ ५ १०६ श्रावक के पतीस गुण ८० ७ ७४ यो प्रका १श्लो ४७.५६ श्रावक के प्रत्याख्यान १००३ ७२६७ भ शउसू. ३२६ के उनचास भंग श्रावक के बारह भावव्रत ७६४ ४ २८० मागम निश्चय और व्यवहार से श्रावक के बारह व्रत (तीन गुणावत) १२८क १६१ । प्राव ह म १८१५.८३६, उपा.मा ,ध अधि.२ लो. (चार शिक्षा व्रत) १८६ १ १४० २३.४.१.५३-६४, ठा (पाँच अणुव्रत) ३०० १ २८८E,पंचा.१ गा ७.१२ भावक के बारह व्रत ४६७ २ २०० श्रावक पं. वारह वनों के ३०१.१ उपास जमाव.६ साठ अनिनार पृ-१७,५ मधिलो . १२ ३१४ १३.४८.१००-१११

Loading...

Page Navigation
1 ... 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403