Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 352
________________ श्री सेठिया जैन प्रन्थमाला ~~~~~ ~ ~~~~~~ ~~~~~ विपय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण संसार में पाने वाले ७२८३४१५ टा.१०२.३ सू ७१ प्राणियों के दस भेद संमारी ७(ख) १ ४ ठा २सू १०१,तत्वार्थ प्रव्या.२सू १० संसारी जीवक चारमकार१३० १६७ ठाउ २८ ४३ ०,भ श २२.१सू८८ संसारी जीव के नोप्रकार ८ १४ मे दो दो भेद १ ससृष्ट कल्पिक ३५३ १ ३६८ ठा ५७.१.३६६ संस्थान छः अजीव के ४६६ २ ६६ भश २५उ ३सू ७२४,पन्न प.१ सूर,जी प्रति १ मंस्थान छः जीव के ४६८ २ ६७ ठासू ८६५, कर्म भा १गा.४० संस्थान नरकावासों का ५६० २ ३३४ जी प्रति ३ सृ८२५ संस्थान नरकों में । ५६० २ ३४१ भ श.२५५उ । सृ ७२५ संस्थान नारकी जीवों का५६० २, ३३७ जी प्रति ३ मू.८७ संस्थान परिणाम ७५० ३ ४३३ टा १०३ ३ग्पृ.७१३, पन्न.प.१३ संस्थान विचयधर्मध्यान २२० १. २०४ ठा ४उ १सू २८७ संस्थान सात ५५२ २ २९३ १सू.४५, ठा ७३ ३सू ५४८ संस्थानानुपूर्वी ७१७ ३ ३६१ अनु सू ७१ संहनन (संघयण) छः ४७० २ ६६ पन प.२३१ २६३,ठा ६ उ.३ स ४६८,कर्म भा.१गा ३८-३६ मंहनन नारकी जीवों का ५६० २ ३३७ जी प्रति. मृ८५ संहरण के अयोग्य सात ५३० २ २६६ प्रव द्वा २६१ गा १४१६ मकडाल(सद्दाल)पुत्र श्रावक६८५ ३ ३१६ उपाश्र.५ मकाम मरण ५३ १३१ उन गा २ १ गंगष्ट प्रथांत् खन्ट हुए हाय या भाजन मादि मे दिये जाने वाले थाहार को ही ग्रहण काने वाला साधु । y

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