Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 389
________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, आठवाँ भाग विषय स्पर्श परिणाम स्मृति स्याद्वाद खदार सन्तोष व्रत बोल भाग पृष्ठ प्रमाण ७५० ३ ४३४ टा १०उ ३७१३, पन्न.प १३ ३७६ १ ३६५ रत्ना. परि. ३ सू ३ ४६७ २ १७६,२११ ३०० १ २८६ र ६८२२, हा ५३ १ स्वदार सन्तोष व्रत के पाँच ३०४१ २६८ उपा.अ १सू ७ टी. प्रतिचार स्वयं बुद्ध सिद्ध सू३८६, उपा. १ सू. ६, ध. श्रधि २ श्लो २८ ६६ स्व द्रव्य, क्षेत्र, काल, भावकी ४२४२१२ अपेक्षा छ: द्रव्यों का वर्णन स्वद्रव्यादि की चौभंगी ४२४ २ १२ जीवादि द्रव्यों में स्वप्न के नौ निमित्त स्वप्न१४मोक्षगामी आत्माके८२६ ५२० स्वप्न (महास्वप्न) १४तीर्थङ्कर - ३० चक्रवर्ती के जन्म सूचक स्वम दर्शन के पाँच भेद ४२११४४४ स्वप्न दस भगवान् महावीर६५७ ३ २२४ के और उनका फल स्वम सोलह चंद्रगुप्त राना ८७३ ५ १७८ व्यव च हस्तलिखित उ ३ ७४० के और उनका फल स्वभाव ३३७ आगम. आगम. ६३८ ३ २०६ विशे गा १७०३ भ.श १६ उ ६ सू५८० ५२२ भश १६ ६ ५७८ज्ञा भ ८ सृ ६५, कल्पसू ४ भश. १६ उ ६ ५७७ भश. १६उ ६ सू ४७६ टा १० २७६ १२५७ श्रागम, कारगा, सम्मति भा ५ काण्ड ३ गा ५३ ८४६ ५ ११७ पन्न प १ सृ७

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