Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

View full book text
Previous | Next

Page 332
________________ २८४ श्री मेठिया जैन प्रमाला Mum - - - - - - - - विषय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण विरोध दोप ५६४ ३ १०३ प्रमी मध्या.१मा १.३३ विवाद के छः प्रकार ४६३ २ १०३ टा.उ.३१२ चिचिक्तचर्या की१६गाथा -६१ ५ १४७ दश न २ विविधगुणा विशिष्ट श्रावकह-३ ७ ११४ उस ४१ अन्त समय आलोचना पनि. क्रमण कर संधारा पूर्वक काल कर कहाँ उत्पन्न होने है? विविध गुण सम्पन्न अन.१८ ७११५ उमःम.४१ गार महात्मा इसमत्रकी स्थिति पूरी कर कहाँउत्पन्न होते हैं? विटतयोनि ६७१४: सम्वार्थ माया ठा. १४. विशेष ११ १२६ ला गरि 7,1,16 विशेषण वाईसधर्म के ११९ ६ १५९ प .ली. टी.पू विशेषण१६व्यावश्य रक-७२ ५ १७६ गया. - ", F.१३ विशेष दीप दम ७.३ ११. टा १.3.373 विशुद्धि दम ६६. २५७ ०१-४.१८ विभाग चार १०७ ११४१ टा ३१ विभाग चार श्रावक र १८ ११४२ 21633 23११ विप पग्गिामल १७२ १0022 विगतमा परगा ७८४ २९. मग 7.1F" विश्यमांन डन्द्रियाँयह२६६ १७७ ,४४,., . ... ममा जिगमगाद २६.१ २७२ ६.३०. airat. 12.ना.मा. . निमारका दृशन्न २१ १५. मायामभावनामलियं

Loading...

Page Navigation
1 ... 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403