Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 13
________________ ... ६९ विषय पृष्ठ. विषय पृष्ट. सोलहतिथियोंका नाम ... | सूर्यास्तकालसाधन ... सात वार... ... ... सूर्योदय जाननेकी रीत ... सत्ताईस नक्षत्र ... ... इष्टकाल विवरण ... ७०१ सत्ताईस योग ... ... लग्नजानेकी रीत ... ... ... ७.१ सातकरणोंके नाम ... महाजनोकी कुंडलियां ... ... ७०२ करणों के बीतनेका स्पष्ट विवरण... ६९१ खरोदय वर्णन ... ... ... शुभकार्योंमें निषिद्धतिथि आदि ... ६९१ खरोदयका स्वरूप ... ... ७०५ दिनका चौघडिया ... ... ६९२ खरोंमें पांचों तत्त्वोंकी पहिचान रात्रिका चौघडिया छोटी बही पनोती पायेका वर्णन... ६९३ पांचों तत्त्वोंका ज्ञान ... ... ७१० खरोंसे वर्षफलज्ञान ... ... ७११ पनोतीका फल तथा वर्ष और मास ६९४ वर्षफल जाननेकी अन्य रीति ... ७११ चोरीगई वा खोगई वस्तुकी प्राप्ति ६९४ | अपने कुटुंब शरीर धनका विचार ७१२ नामरखनेके नक्षत्र ... ... चंद्रराशिका वर्णन ... ... ६९५ खरोंसे परदेशगमनका विचार ... ७१५ तिथियोंके मेदोंका वर्णन... परदेशस्थिति मनुष्यविषै प्रश्न ... ७१५ दिशाशूलके जाननेका कोष्ठ खरोंसे गर्भसंबंधी प्रश्न ... ... ७१९ योगिनीके निवासज्ञान ... ... गृहस्थोंके लिये आवश्यक विज्ञप्ति ७२० योगिनीका फल ... ... ... योगसंबंधिनी मेस्मेरिझम विद्याका चंद्रमाके निवास जाननेका ... ६९७ ___ संक्षिप्तवर्णन ... ... ... ७२१ चंद्रमाला फल ... ... ... ६९७ शकुनावलि वर्णन ... ... ७२३ कालराहुका झान ... ... ... ६९७ पासावलिका यंत्र... ... ... ७२५ अर्कदग्धा तथा चंद्रदग्धा तिथि ... ६९८ | पासावलिका क्रमसे फल... ... ७२५ इष्टकालसाधन ... ... ... ६९८ | परदेशगमनादि विषयक शकुन विचार ७३४ इति जैनसंप्रदायशिक्षाकी विषयानुक्रमणी । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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