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जैनहितैषी
हम यह नहीं कहते हैं कि मेमोरियल ही भेजा जाय । हमारा कहना तो केवल इतना ही है कि अब जो कुछ किया जाय, उन लोगोंकी सम्मतिसे किया जाय जो ऐसे मामलोंसे और कानूनोंसे परिचित हैं। ऐसे सज्जन यह अथवा ऐसे ही और जो जो उपाय उचित समझें उन्हें काममें लावें और तब तक उद्योग करते रहें जब तक कि सेठीजी छोड़ न दिये जावें अथवा उनके ऊपर कोई मुकद्दमा न चलाया जाय । ___ अन्तमें हम फिर इसी बातको दुहराते हैं कि सेठीजीकी। सहायता करनेमें गवर्नमेंटकी नाराजी या एतराज़ीका कोई कारण नहीं है। यह कोई राजद्रोहका कार्य नहीं है। प्रत्येक दुखी प्राणीकी सहायता करना हमारा धर्म है । इसी धर्मके खयालसे हमें उनकी तनसे धनसे जिसतरह बन सके उसतरह सहायता करनी चाहिए। हम यह चाहते हैं कि वे यदि निरपराधी हों तो छूट जावें; किन्तु यदि वे अपराधी सिद्ध होंगे तो सारा जैनसमाज एक स्वरसे पुकार कर कहेगा कि उन्हें अवश्य दण्ड दिया जाय । ___ अशा है कि जैनसमाज हमारे इस लेख पर बहुत जल्द ध्यान देगा और सेठीजीके प्रति जो उसका कर्तव्य है उसके सम्पादन करनेमें तत्पर हो जायगा । इस कामके लिए दो चार सज्जनोंको शीघ्र आगे आना चाहिए और चन्दा एकत्र करके कामका आरंभ कर देना चाहिए।
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