Book Title: Jain Hiteshi 1914 Ank 01 02
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 135
________________ (७) जयन्त नाटक। कविशिरोमाण शेक्सपियरके 'हेम्लेट' का हिन्दी अनुवाद । इस नाटककी प्रशंसा करना व्यर्थ है। अनुवादके विषयमें इतना कह देना काफी होगा कि इसे बिलकुल देशी पोशाक पहना दी गई है और इस कारण इस देशवासियोंके लिए यह बहुत ही रुचिकर होगा । रूपान्तरित होने पर भी यह अपने मूलके भावोंकी खूब सफलताके साथ रक्षा कर सका है। रंगमंच पर अच्छी तरह खेला जा सकता है । मूल्य ॥) चित्रशाला प्रेसके हिन्दी ग्रन्थ । पूनके चित्रशाला प्रेससे हिन्दीके जो अच्छे अच्छे ग्रन्थ प्रकाशित 'हुए हैं उनके विक्रय करनेका भी हमने प्रबन्ध किया है। इस प्रेसके ग्रन्थ सुन्दर और उत्तम होने पर भी कम मूल्यमें बेचे जाते हैं: १ दासबोध-महाराष्ट्रके सुप्रसिद्ध साधु रामदासका बनाया हुआ राष्ट्रीय ग्रन्थ है । ये वे ही साधु हैं जो वीरकेसरी शिवाजीके गुरु थे और जिनके उपदेशसे शिवाजीने महाराष्ट्र साम्राज्य स्थापित किया था । हिन्दीके प्रसिद्ध लेखक पं० माधवराव सप्रे बी. ए. ने इसका अनुवाद किया है । मूल्य २) २ भारतीय युद्ध-महाभारतका यह एक तरहका सार है । इसमें कथानककी नैतिक बातोंपर बहुत जोर दिया गया है और महाभारतकी कूटनीतिका बहुत अच्छी तरह खुलासा किया गया है । पात्रोंका आचरण बड़ी ही मार्मिकताके साथ समझाया गया है। इसमें लोकमान्य '. महात्मा तिलककी लिखी हुई एक विस्तृत प्रस्तावना है। भिन्न भिन्न प्रसंगोंके १७ सुन्दर चित्र भी दिये गये हैं । मुल्य १) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144