Book Title: Jain Granth Sangraha Part 02 Author(s): Dhirajlal Tokarshi Shah, Agarchand Nahta Publisher: Pushya Swarna Gyanpith Jaipur View full book textPage 9
________________ न होते देख मैंने बाल ग्रन्थावली के पुन: प्रकाशन का विचार किया ताकि कुछ तो कमी मिटे और आवश्यकता की पूर्ति हो। शासन प्रभाविका पूज्याम विचक्षण श्रीजी ने भी बालवोपयोगी इस प्रकाशन को आवश्यक समझ कर समर्थन व सहयोग दिया अतः मेरे सुपुत्र धर्मचन्द से हिन्दी बाल-ग्रंथावली की कापी टाइप करवायी। कथाओं के क्रम में कुछ परिवर्तन आवश्यक समझ प्रथम भाग में दूसरे भाग की-१ गौतम स्वामी, २ भरत, बाहुबलि, ३ वीर भामाशाह, ४ स्थूलिभद्र और ५ महाराजा सम्प्रति इन पाँच कथाओं को सम्मिलित किया गया। और पांच प्रसिद्ध तीर्थ करों में से शान्तिनाथ की जीवनी बाल-ग्रन्थावली में नहीं होने से उसके संक्षेप में मैंने लिखकर पूर्ति की । प्रेस की असुविधा के कारण पाँच तीर्थंकरों और भरत बाहुबलि की जीवनी को जैन कथा संग्रह प्रथम भाग के रूप में प्रकाशित करना पड़ा। बाकी १५ कथायें इस दूसरे भाग में प्रकाशित हो रही हैं । अर्थात् बाल-ग्रंथावली के दोनों भागों से लेकर नये क्रमानुसार सम्पादित एवं संशोधित करके जीवनियां इन दोनों भागों में दी गई हैं। इन दोनों ग्रंथ के प्रकाशन में जैन महिला मंडल जयपूर और कमलाकुमारी डोशी दिल्ली का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है। इसके लिये पूज्या विचक्षण श्रीजी एवं आर्थिक सहयोग देने वालों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इनके अधिकाधिक प्रचार की शुभ कामना करता हूँ। अगरचन्द नाहटा, बीकानेर Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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