Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
View full book text
________________
जैन-धातु प्रतिमा लेख
संवत् १५०४ वर्षे मा० व० २ सिद्धपूरी श्रे० खेतसी भा० प्रीमी पुत्र श्रे० माईआकेन भार्या जयनो पुत्र कोकादिकुटुम्बयुतेन श्रीसुमतिनाथविंबं कारितं प्रति० तपा जयचन्द्रसरिभिः ।
संवत् १५०५ वर्षे शुदि ५ रवौ उपकेशवंशे साधुशाखायां सा० धन्ना भा० धनादे पुत्र सा. मंडण सा० पहजाम्यां स्वपितुः श्रेयसे श्रीश्रेयासनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टे अजिनसागरसरिभिः ।
(१०३) संवत् २५०६ वर्षे फागुण दि० ११ रवौ उप० माधरण भा० मदनादे पुत्र पूणाभ्यां चाद पुत्रसहितेन स्वभा......."आंबा अर्जन श्रीश्रीधर्मनाथचिंचं का० प्र० संडेरगच्छे श्रीपशिलप्रभसरिसंगने शांति सरिभिः।
.
(१०४)
संवत् १५०६ श्रीश्रीमालज्ञातीय दोसी डूगर भार्या भ्यापुरी सुत भुंजाकेन भार्या सोही सुत वीकायुतेन आत्मश्रेयसे श्रीसुविधिनाथ चतुर्विंशतिपट्ट आगमगच्छे श्रीअमरसिंहसूरिपट्टे श्लीहेमरत्नसूरिगुरुपदेशन प्रतिष्ठितः गंधार वास्तव्यः ।
(१०५) संवत् १५०६ वर्षे पौष सुदि ह उसवंशे कांकरिया गोत्रे सं० साइदेव भा० करणू पुत्र सामल भार्या नयणादे पु० श्रीवच्छसहिता प्रात्मपुण्यार्थं श्रीश्रेयांमबिम्बं का प्र० कृष्णार्षिगच्छे श्रीनयचंद्रसरिभिः ।
१०१. प्राचीन जैनमन्दिर अमरावती १०२. गोड़ी पार्श्वनाथ जैनमन्दिर पायधुनि बंबई १०३. गोड़ी पार्श्वनाथ जैनमन्दिर पायधुनि बंबई १०४. निजदैनन्दिनी से १०५. जैनमन्दिर तूलापट्टी कलकत्ता
"Aho Shrut Gyanam"

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144