Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar

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Page 87
________________ जेन-धातु प्रतिमा लेख (२७७) सम्वत् १५६३ वर्षे वैषाख सुदि ११ शुक्र श्रीश्रीयंशे म० महिराज सु० म० बाला भायो रमाई पुत्री रूपू (यहां पर सुन्दर चित्र अकित है) मुश्राविकया स्व श्रेयोर्थ श्रीअंचलगच्छेश भावसागरसूरीणामुपदेशेन श्रीनमिनाथबिंबं कारित प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन । श्रीजान पामे। (२७) सम्वत् १५६४ वर्षे वैषाख सुदि ८ श्रीश्रीमालज्ञातौ घेवियागोगे सा० देपा पुत्र सा० महिया पुत्र सा० करणा भा० श्राविका कस्तूरी पुत्र सा जीजा भार्या सा० मेघा पुत्रीकया देवगुरुभक्तिकथा रत्नाई सुश्राव किया स्वभ→ श्रेयोर्थ श्रीपार्श्वनाथबिंब कारित प्रतिष्ठित खरतरगच्छे जिनहंससूरिभिः। (२७९) सम्बत् १५६५ वष माघ शुदि ५ गुगै श्रीश्रीमालज्ञातीय सा० नाथा भा० वंगी नाम्न्या सा० जागा भा० अधिक सुत ठाकुर प्रमुख समस्तकुटुम्बयुतया स्वश्रेयोर्थ श्रीचन्द्रप्रभत्रिवं कारापितं प्रतिष्ठित प श्रीपूर्णिमापो श्रीसुमतिरमसूरिभिः विधिना । (२८.) सम्बत् १५६५ वर्ष वैषाख वदि १० रवी श्रीउसवाल ज्ञातीय सा० अगसी भा० जिबी "सुहवदे स्व भरि निमित्त श्रीकुथुनाथविन कारापित प्रतिष्ठितं पूनमीया उदयचन्द्रसूरिभिः । २७७. जैनमंदिर घाटकोपर बम्बई २७८. पुरातन जैनमंदिर अमरावती २७६. पार्श्वनाथ जैनमन्दिर भद्रावती २८०. पुरातन जैनमन्दिर अमरावती "Aho Shrut Gyanam"

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