Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
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जैन धातु प्रतिमा लेख
(२८५)
संवत् १५७० वर्षे माघ वदि ६ शनो श्रीमालज्ञातीय मं० सहद भा० सहजलदे पु० मंत्रिर हाथी ( अन्य क्षरों से ) सुभाव केण भार्या नार्थ सा० हांसा काका मुख्य कुटुम्बयुतेन श्रीचगच्छेश श्रीभावसागरसूरिणामुपदेशेन श्रीआदिनाथविम्बं कारितं प्र० श्र. चपकपुरे श्री ।।
६३
(२८३)
संवत् १५७३ वर्षे वै० शुदि १०
शुक्रे पत्तनवा तव्यः श्रीआठारौ (?) श्र० लखमसा सु० श्र० मीसा सु० मेघा श्र० सोभा श्रे० समरा मेघा भार्या नाथी नयास्थेपसे श्रीपारवनाथ वित्र (? विम्बं ) कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ।
(२८७)
संवत् १५७५ वर्षे माघ वदि २ सौमी श्री श्रोसवंशे लघुसंताने भ० कदा भा० जीमलदे पुत्र महं श्रम भा० पूरि पुत्र श्राटोल पटाल लटका - सुने | श्रीवासुपूज्यविम्बं का० द्विवदण (?) गच्छे सिद्धाचार्यसंताने श्रीदेवगुप्तसूरिभिः || उंझामामवास्तव्यः
( २८८ )
संवत् १५७५ वर्ष मात्र सुदि ६ शुक्रे श्रीश्रीमालज्ञातीय स० हर्षा भा० लाडडि सुत० सवछा स० नीया भा० रूपा मं पांचा संकीका प्रमुख कुटुम्बयुतेन बाई लाडिक नाम्म्या आत्मश्रेयसे श्रीसीतलनाथतीर्थंकरयुतचतुर्विंशतिपट्टः कारितं श्रीश्रागमगच्छे श्री श्रमररत्नसूरि तत्पट्टे श्री सोमरत्न सूरिगुरुपदेशेन प्रतिष्ठिताच विधिना विजापुरे ||
२८५ आदिनाथ जैनमन्दिर भायखला बम्बई २८६. शांतिनाथ जैनमन्दिर भींडीबाजार बम्बई २८७. शांतिनाथ जैनमन्दिर भींडीबाजार बम्बई २. जैनमन्दिर आरवी म. प्र.
"Aho Shrut Gyanam"

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