Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
View full book text
________________
८.]
[जैन भातु प्रतिमा लेख
३५८
सम्वत १६०० मिती आषाढ़ शुदि ६ गुरौ श्री अजिमगंजे श्रीसुपार्श्वनाथ बिम्बं....प्रतिष्ठितं बहत्खरतरगच्छेश भ श्रीजिनहर्षसूरि पट्टालंकार श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः कारितं च श्रीवीकानेरवास्तव्य समस्तसंघेन श्रेयोथे ।। श्री ।।
सम्वत् १९०३ माधवदि पांचम अहमदाबाद वास्तव्यः उज्ञा० व० अनूपचन्द हरखचन्द भारया (भार्या)दिपालीबाई श्रीसूपारसनाथ जिनबिम्ब कारापितं खरतरगच्छे भ श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः प्र० ।
___३६० संवत १६१० आसो सित ६ सा चन्द्रप्रभुबिम्ब कारितं च नाहटा संतोषचन्द्र भार्या वसंता व्य० पुत्र निहालचन्द्र पौत्र ठल्लुयुतेन बृहत्खरतरगच्छेश म० श्री जिनसौभाग्यसूरिभिः प्रतिष्टितं ।
संवत १९२१ मिति आश्विन शुक्ल १५ शनिबासरे इदं जंत्रे कारापितं श्रीमालज्ञातौ टांकगोत्र ज्वालानाथ तत्भार्या मुनीबीवी प्रतिष्ठितं भट्टारक श्री जिननन्दीवर्द्धनसूरि तत्शिष्य मुनि पद्मजस उपदेशात् ।। कल्याण मस्तु ।। (सिद्धचक्रयंत्र)
संवत १९२१ वर्षे माघशुदि गुरौ श्रीअंचलगच्छे पूज्य भट्टारक रत्नसागरसूरीश्वराणामुपदेशात् श्रीकुंकरमदेशे मुंबैविंदर वास्तव्यः उसवंशेलघुशाखायां नरसी नाथासंघ समस्तेन श्रादिनाथविम्ब करापित।
३५८ सम्मेद शिखर मन्दिर मधुवन । ३५६ महावीर स्वामी जैन मन्दिर पायधुनी बम्बई । ३६० सम्मेदशिखर मन्दिर मधुवन । ३६१ (निजदैनन्दिनी से) खरतरगच्छीय बड़ामंदिर तुलापट्टी
कलकत्ता ३६२ अनन्तनाथ मन्दिर काथा बाजार बम्बई ।
"Aho Shrut Gyanam"

Page Navigation
1 ... 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144